आईपीएल 2019 में किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) के तत्कालीन कप्तान रविचंद्रन अश्विन द्वारा किए गए मांकड आउट के बाद काफी चर्चा हुई थी। खेल भावना पर भी डिबेट हुआ था। अब तकरीबन तीन साल बाद एक बार फिर मौजूदा अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान मांकडिंग देखने को मिली। इस वाकिये के वीडियो पर युवराज सिंह ने कमेंट कर इसे बेहद शर्मनाक बताया।
आपको बता दें कि इस वीडियो को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। इस वीडियो में यूगांडा के तेज गेंदबाज जोशेफ बागुमा पापुआ न्यू गिनी (PNG) के बल्लेबाज जॉन कैरिनो (John Karino) को नॉन-स्ट्राइक एंड पर मांकड रनआउट करते दिखे। इस वीडियो पर युवराज सिंह ने कमेंट कर इसे बेहद शर्मनाक बताया।
वहीं साउथ अफ्रीका के गेंदबाज तबरेज शम्सी ने भी इस वीडियो पर कमेंट किया और इसको सही ठहराया। श्मसी ने लिखा कि,’इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर गेंदबाज का पैर आगे जाता है तो नो बॉल और फ्री हिट दिया जाता है। इसी तरह बल्लेबाज को भी क्रीज में रहना चाहिए। तो इसमें मुझे कुछ गलत नहीं लगता।’
मांकडिंग को लेकर चर्चा 2019 में चरम पर थी। आईपीएल मैच के दौरान अश्विन ने राजस्थान रॉयल्स के जोश बटलर को मांकड आउट किया था। इसके बाद खेल भावना पर काफी चर्चा हुई थी। कोई इसका समर्थन कर रहा था तो कोई इसके विरोध में था। पूर्व भारतीय गेंदबाज वीनू मांकड़ के नाम पर इस तरीके को ‘मांकडिंग’ नाम दिया गया था।
मांकडिंग का पूरा इतिहास
‘मांकडिंग’ शब्द का उपयोग ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने 1947 में किया था। उस समय भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी जहां वीनू मांकड़ ने बिल ब्राउन को एक नहीं, बल्कि दो-दो बार क्रीज से बाहर होने पर रन-आउट किया था। तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डॉन ब्रैडमैन ने मांकड़ के तरीके को सही ठहराया था मगर स्थानीय मीडिया में मांकड़ की ‘खेल भावना के खिलाफ जाने’ पर खूब आलोचना हुई थी।
मांकडिंग पर मेलबर्न क्रिकेट क्लब (MCC) द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार, “जब गेंदबाज गेंद रिलीज करने वाला होता है, उस वक्त अगर नॉन स्ट्राइकर क्रीज से बाहर है तो गेंदबाज उसे रन-आउट कर सकता है। हालांकि, पहले गेंदबाज को इसके लिए एक वॉर्निंग देनी होती है। दूसरी बार में गेंदबाज को विकेट मिल सकता है। यह कोशिश सफल हो या नहीं, वह गेंद ओवर का हिस्सा नहीं मानी जाती है।”