भारतीय कप्तान विराट कोहली ने लॉकडाउन के दौरान एक ऑनलाइन क्लास के दौरान बताया था कि दिल्ली स्टेट क्रिकेट टीम में नहीं चुने जाने पर वह रात भर रोते रहे थे। कोहली और उनकी एक्ट्रेस वाइफ अनुष्का शर्मा ने एक ऑनलाइन क्लास में सफलता मिलने से पहले अपने संघर्ष के बारे में विस्तार से बात की थी। उसके बाद उन्होंने कोविड-19 पर अपने विचार रखे थे।
कोहली से पूछा गया कि वह कौन सा पल था जिसमें उन्होंने खुद सबसे असहाय महसूस किया था। विराट कोहली एक बार टीम में नहीं चुने जाने पर रात भर रोते रहे थे, वह भी दिल्ली स्टेट टीम में चयन को लेकर। इस भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान ने कहा, ‘जब शुरुआत में प्रदेश की टीम में भी मेरा चयन नहीं हो पा रहा था। मैं पूरी रात रोता रहा था। मैंने अपने कोच से पूछा कि मेरा चयन क्यों नहीं हो रहा।’ कोहली ने कहा, ‘जीवन के बारे में कुछ नहीं कह सकते। जिससे खुशी मिले, वह करो और हर समय तुलना नहीं करते रहना चाहिए। इस संकट के बाद जीवन अलग हो जाएगा।’
अनुष्का ने भी अपने विचारों को इस कार्यक्रम के दौरान बयां किया। उन्होंने कहा, ‘इन सबसे भी सीख ही मिली है। जीवन में कुछ भी अकारण नहीं होता। यदि ये लोग मोर्चे पर डटे नहीं होते तो हमे बुनियादी चीजें भी नहीं मिल पाती।’ उन्होंने कहा, ‘इसने हमें सिखाया है कि कोई दूसरे से खास नहीं है। स्वास्थ्य सबसे बढ़कर है। अब हम एक समाज के तौर पर अधिक जुड़ाव महसूस कर रहे हैं।’
टीम इंडिया के कैप्टन के मुताबिक, इस कोविड-19 महामारी ने लोगों को और उदार बना दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संकट टलने के बाद भी हमें मोर्चे पर डटे डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों जैसे कोरोना वॉरियर्स के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का भाव कायम रहेगा।
कोहली ने कहा, ‘इस संकट का एक सकारात्मक पहलू यह है कि एक समाज के तौर पर हम अधिक उदार हो गए हैं। हम इस जंग में मोर्चे पर जुटे योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता दिखा रहे हैं। चाहे वे पुलिसकर्मी हों, डॉक्टर या नर्सें।’
उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि संकट से उबरने के बाद भी यह जज्बा कायम रहेगा।’ कोहली ने कहा, ‘जीवन के बारे में कुछ नहीं कह सकते। जिससे खुशी मिले, वह करो। हर समय तुलना नहीं करनी चाहिए। इस संकट के बाद जीवन अलग हो जाएगा।’