भारत में आईपीएल की शुरुआत करने वाले ललित मोदी ने हाल ही में इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के सामने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें इस बोर्ड के रेवेन्यू में बड़ा इजाफा हो सकता है और कमाल की बात यह है कि यह आईपीएल के बिजनेस मॉडल के जैसा ही है। उन्होंने अपने प्रस्ताव में द हंड्रेड के पुनर्गठन का सुझाव दिया जिसमें 10 टीमों की भागीदारी हो सकती है। मोदी के प्रस्ताव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें खिलाड़ियों के लिए 10 साल में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आवंटन होगा साथ ही इससे ईसीबी के खजाने में एक बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व की गारंटी शामिल है।
बीसीसीआई से बात करेगा ईसीबी
ललित मोदी ने ईसीबी को जो मॉडल दिया उसके बारे में क्रिकबज से बात करते हुए कहा कि उनका जिस तरह का विचार है वैसा ही ईसीबी का भी सोचना है और इसमें निजी निवेशकों को आमंत्रित करना शामिल है। मोदी पर बीसीसीआई के द्वारा आजीवन प्रतिबंध लगाया गया है और ईसीबी भी भारतीय बोर्ड के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके प्रस्ताव पर विचार करेगा। हालांकि ललित मोदी के प्रस्ताव को लेकर ईसीबी की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
ललित मोदी का नहीं होता है जिक्र
एक सूत्र के मुताबिक ईसीबी एक फ्री संस्था है और वह बीसीसीआई से परामर्श करने को लेकर बाध्य नहीं है, लेकिन बीसीसीआई के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के लिए ऐसा किया जा सकता है। सूत्र ने कहा कि बीसीसीआई ने ललित मोदी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया है, हालांकि उन्होंने आईपीएल की शुरुआत की और यह खूब फल-फूल रहा है, लेकिन बीसीसीआई मोदी का नाम लेने से बचता है। आईपीएल के दौरान कोई भी कमेंटेटर ललित मोगी का नाम कभी भी नहीं लेता है।
हैदराबाद और सीएसके ने दिखाई दिलचस्पी
आईपीएल की टीमें भी इंग्लिश लीग में निवेश करने में रुचि दिखा रही है जिसमें सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) शामिल है। इस टीम के मालिक सन टीवी नेटवर्स ईसीबी अधिकारियों के साथ चर्चा में लगे हुए हैं। चेन्नई सुपर किंग्स ने भी ठोस प्रस्ताव मिलने के आधार पर अंग्रेजी क्रिकेट में निवेश करने की इच्छा जाहिर की है, हालांकि अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है।