भारतीय टीम के युवा स्पिनर कुलदीप यादव इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में हैं। कुलदीप टीम इंडिया की टेस्ट और वनडे टीम में रखा गया है। वे सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम इंडिया को जीत दिलाना चाहेंगे। कुलदीप जिस तरह के खतरनाक चाइनामैन गेंदबाज हैं, उसी तरह उनका क्रिकेट करियर भी रोमांचक है। मौजूदा समय के सबसे खतरनाक स्पिनरों में से एक इस यह गेंदबाज पहले पेसर बनना चाहता था, लेकिन कोच की जिद के कारण स्पिनर बनने पर मजबूर हुआ।

कुलदीप ने आकाश चोपड़ा से बातचीत के दौरान इसका खुलासा किया था। कुलदीप ने कहा, ‘‘क्रिकेट में मुझे शुरू में शौक नहीं था। मैं उन्नाव से कानपुर पढ़ने के लिए गया था। पिताजी ने मुझे एकेडमी में डाला था। उस दौरान मैं तेज गेंदबाजी करता था। 2003 का वर्ल्ड कप था। इस दौरान मैंने वसीम अकरम को पहली बार देखा था। मुझे ऐसा लगता था कि वो भी बाएं हाथ के हैं और मैं भी बाएं हाथ का हूं, तो मैं वैसे ही गेंदबाजी करूं। मुझे लगता है कि मैं तेज गेंदबाजी ज्यादा बेहतर करता था। दोनों तरफ स्विंग कराता था।’’

इसके आगे कुलदीप ने कहा, ‘‘एकेडमी में एक दिन अचानक सर ने मुझे बुलाया। उन्होंने कहा कि स्पिन डालो। मैंने चाइनामैन डाली। मुझे नहीं पता था कि चाइनामैन होती क्या है। उस समय तो नेचुरल था वो मैंने किया। चार गेंद डालने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि आज से यही बॉलिंग करोगे। मुझे उस समय बहुत गुस्सा आया था। मैं वहां से चला गया और काफी दिनों तक ग्राउंड नहीं गया था। सर ने मुझे डांटा और कहा कि अगर तुम्हें क्रिकेटर खेलना है और ग्राउंड में आना है तो तुम स्पिनर करोगे। उस समय भी गुस्सा आया। मैं 10-15 मिनटों के लिए बाहर बैठा और फिर वापस उनसे कहा कि लाओ मैं गेंद करता हूं। वहां से चाइनमैन बनने का सफर शुरू हुआ।’’

कुलदीप ने भारत के लिए पहला टेस्ट मार्च 2017 में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। इसके बाद जून 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में पहला वनडे और जुलाई 2017 में किंग्सटन में पहला टी20 खेला था। उन्होंने 6 टेस्ट मैच में 24 विकेट झटके हैं। 60 वनडे में उनके नाम 104 और 21 टी20 में 39 विकेट हैं। 45 आईपीएल मैच में उन्होंने 40 विकेट निकाले हैं।