तेज गेंदबाज खलील अहमद ने भारत के लिए 11 वनडे और 14 टी20 मैच खेले हैं। उन्होंने इस दौरान 50 ओवरों के क्रिकेट में 15 और 20 ओवरों के मैच में 13 विकेट अपने नाम किए हैं। उन्होंने हाल ही में ‘क्रिकबज’ को एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें क्रिकेट के प्रति अपने लगाव के बारे में बताया। इस दौरान खलील ने कहा कि घर वाले नहीं चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं। टीम के साथी जब उन्हें बुलाने आते थे तो घरवाले उन्हें भगा देते थे। खलील फिलहाल आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम में हैं।
खलील ने कहा, ‘‘क्रिकेट से अगर एक दिन से ज्यादा दूर होता है तो बॉडी इसकी मांग करने लगता है। बचपन में कभी नहीं सोचा था कि इंडिया के लिए खेलूंगा। पता नही था कैसा फ्यूचर होगा। किस तरह से यहां का प्रोसेस है और कैसी क्रिकेट खेली जाती है। लगता था कंपटीशन बहुत है। एकेडमी में भी बहुत लड़के आते थे। ऐसा नहीं था कि शुरू से इंडिया के लिए खेलने का सपना था।’’ गेंदबाज बनने को लेकर खलील ने कहा, ‘‘सबलोग बैटिंग के लिए ज्यादा लड़ते थे। उसमें सब बल्लेबाजी करते थे। मुझे लगा था कि शायद मैं ये झगड़ा सुलझा सकता हूं। इसलिए मैंने उनसे कहा कि तुमलोग बल्लेबाजी करो और मैं गेंदबाजी करता हूं।’’
घर में क्रिकेट के लिए लड़ाई करनी पड़ती थी इस बारे में भारतीय तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘दरअसल, मैं घर में सबसे छोटा लड़का हूं। तीन बड़ी बहनें हैं। घर का सारा छोटा-बड़ा काम मुझे ही करना पड़ता था। अगर मैं खेलने के लिए निकल जाता था तो वह समय 4 घंटे का होता था। उस दौरान कोई काम होता था तो समस्या हो जाती थी कि काम कौन करेगा। इसके लिए मुझे डांट लगती थी। क्यों जाता है खेलने, थोड़ा पढ़ाई पर भी ध्यान दे और घर में रहा कर।’’
खलील ने आगे कहा, ‘‘राजस्थान में मई-जून के अंदर अगर आप खेल रहे है तो सोच भी नहीं सकते कि कितनी गर्मी पड़ती है। शुक्रवार को नमाज के बाद हम अक्सर टेनिस गेंद से खेलते थे। तो लोगों को मेरी जरुरत होती है, क्योंकि टेनिस बॉल में सब बैटिंग करते हैं तो छक्के बहुत लगते थे। सब मुझे घर पर बुलाने आते थे तो मेरे सुनने से पहले घर वाले सुन लेते थे। वे कहते थे कि खलील नहीं जाएगा, तुमलोग भी घर जाओ गर्मी है। इसका हमने तोड़ निकाला। वे बाद में घर के सामने आकर आवाज लगाने की जगह गाना गाते थे।’’