भारतीय बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने गुरुवार को रोहित शर्मा की टेस्ट क्रिकेट में लगातार नाकामी का बचाव करते हुए कहा कि मुंबई के इस बल्लेबाज के प्रति भी उसी तरह संयम बरतने की जरूरत है जो कभी श्रीलंका ने अपने दिग्गज खिलाड़ियों मर्वन अटापट्टू और कुमार संगकारा को लेकर दिखाया था। रोहित दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन गुरुवार को यहां एक रन बनाकर आउट हो गये। उन्होंने गलत शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया। उनका मुश्किल मोड़ पर गलत शाट खेलने की कड़ी आलोचना हो रही है।

इन परिस्थितियों में हालांकि बांगड़ का संगकारा का उदाहरण देना सही नहीं लगता है क्योंकि हाल में संन्यास लेने वाला यह दिग्गज श्रीलंका की तरफ से कभी बहुत अधिक नाकाम नहीं रहा। बांगड़ ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद रोहित का बचाव करते हुए कहा, ‘‘कई अवसरों पर कुछ खिलाड़ियों को चमकने में समय लगता है। सबसे बढ़िया उदाहरण श्रीलंकाई क्रिकेट है कि किस तरह से उसने मर्वन अटापट्टू और कुमार संगकारा को लेकर धैर्य बनाये रखा। श्रीलंका क्रिकेट ने उन पर भरोसा दिखाया और उन्होंने फिर शानदार तरीके से लंबे समय तक देश की सेवा की। खिलाड़ियों के मामले में धैर्य बनाये रखने की जरूरत होती है।’’

रिकॉर्ड के लिये बता दें कि संगकारा कभी लंबे समय तक नाकाम नहीं रहे जबकि अटापट्टू भी पहली छह पारियों में से पांच में शून्य पर आउट होने के बाद खराब फॉर्म में नहीं आये। उन्होंने अगली 15 पारियों में 10 से 150 के बीच स्कोर बनाये।
बांगड़ ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हम खिलाड़ियों को उनके शॉट के चयन, चाहे व्यवहारिक हो या तकनीकी, को लेकर आगाह कर रहे हैं। हम उन्हें बता रहे हैं कि कमियां कहां है।’’

बांगड़ ने कहा कि जब कोई खिलाड़ी नाकाम रहता है तो सबसे अधिक आहत वही होता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहता हूं कि वर्तमान भारतीय टीम के खिलाड़ी बेहद प्रतिभाशाली और प्रतिबद्ध हैं। वे आज जिस मुकाम पर हैं वहां पहुंचने के लिये उन्होंने कड़ी मेहनत की है। निश्चित तौर पर जब खिलाड़ी गलतियां करते हैं तो वे सबसे अधिक आहत होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उसने (रोहित) टी20 शतक, वनडे शतक जमाये हैं। उसे वास्तव में लगातार अधिक टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला। जहां तक बल्लेबाज की बात है तो यह चीज उसके दिमाग में रहती है।’’ दिन के नायक अजिंक्य रहाणे के बारे में बांगड़ ने उनके विवेकपूर्ण शॉट चयन और संयम को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो टेस्ट मैचों में वह शॉट खेलने में थोड़ा जल्दबाजी कर रहा था। लेकिन उसने अपनी रणनीति में बदलाव किया और क्रीज पर समय बिताने को तरजीह दी और ढीली गेंदों का इंतजार किया।’’

रहाणे के बल्लेबाजी क्रम के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका में हमने उन्हें ऊपरी क्रम में भेजा। तब हमारे पास विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज नहीं थे। शिखर और विजय चोटिल थे। इसलिए टीम को चेतेश्वर पुजारा से पारी का आगाज करवाना पड़ा और रहाणे को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आना पड़ा। लेकिन नंबर पांच वह पोजीशन है जिस पर टीम उसे उतारना चाहती है।’’

बल्लेबाजी कोच ने इसे कोटला की ठेठ पिच करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह कोटला की ठेठ पिच है। इसमें गेंद नीची रह रही है और अच्छा खेल रही है। कुल मिलाकर यह टेस्ट क्रिकेट के लिये अच्छी पिच है।’’