पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड लगातार विवादों में घिरा रहता है। हाल ही में पाकिस्तान प्रीमियर लीग (PSL) में सट्टेबाजी की खबर सामने आई थी। ऐसा कहा गया था कि इसी के कारण कोरोना वायरस के खतरों के बीच मैच करावाया जा रहा था। वहीं, क्रिकेटर उमर अकमल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उन्होंने बाद में अपनी गलती भी स्वीकार कर ली। पाकिस्तान क्रिकेट में लगातार विवादों से पूर्व क्रिकेटर जावेद मियांदाद भी परेशान हो गए हैं। उनका मानना है कि जो भी इस खेल में भ्रष्टाचार करे, उसे फांसी पर चढ़ा देना चाहिए।
मियांदाद ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि जो भी क्रिकेटरफिक्सिंग करता है, वह अपने परिवार के साथ धोखाधड़ी करता है। उन्होंने कहा, ‘‘फिक्सिंग में शामिल क्रिकेटरों को कड़ी सजा देनी चाहिए। बोर्ड को एक उदाहरण पेश करना चाहिए और ऐसे गलत करने वालों को फांसी पर लटका देना चाहिए।’’ मियांदाद ने पाकिस्तान के लिए 124 टेस्ट और 233 वनडे मैच खेले थे। वे 1992 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के भी सदस्य थे।
62 साल के इस पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा, ‘‘क्रिकेट से लोग जुड़ते हैं। जब आप कोई सिक्स लगाते हो या जीतते हो तो पूरी दुनिया में पाकिस्तान-पाकिस्तान गूंजता है, लोग खुशियां मनाते हैं। यह गुनाह उतना ही बड़ा है, जितना किसी का कत्ल करना और कत्ल की सजा भी कत्ल होती है। मुझे लगता है कि जो खिलाड़ी फिक्सिंग करते हैं, वे अपने मां-बाप के साथ भी गलत करते हैं, उनके भी सगे नहीं होते हैं। वे अपने बहन-भाई, परिवार के साथ भी सही नहीं होते। इंसानियत के लिए भी यह सही नहीं है, और ऐसे लोगों को जिंदा रहने का अधिकार नहीं है।’’
मियांदाद का मानना है कि खिलाड़ियों के लिए आसान होता है कि पहले वे फिक्सिंग जैसे गलत काम करें, इससे पैसा कमाएं और फिर अपने कनेक्शन से टीम में वापसी कर लें। कोई गलती करेगा तो माफी मांगेगा ना, इसलिए बोर्ड को उदाहरण पेश करना चाहिए। यह बात इस्लाम में सिखाई गई बात के खिलाफ है और इसको इसी तरह से लेना चाहिए।