हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो अपने देश के लिए खेलते हुए उस टीम का भी हिस्सा बने जिससे कि विश्वविजेता का खिताब उसके और देश के नाम जुड़ सके। इस सपने को हकीकत बनाने के लिए वो घंटों मेहनत करते हैं और अपनी कमियों को निखारते हैं जिससे की उनपर एक बार भरोसा जताया जा सके। ऐसी ही तैयारियां इन दिनों क्रिकेट जगत में भी देखने को मिल रही हैं जहां आगामी वर्ल्ड कप 2019 को लेकर सभी टीमों ने कमर कस ली हैं। मुकाबले दर मुकाबले सभी टीमें अपने उन खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा मौके दे रही हैं जिनपर उन्हें भरोसा है कि वो इस महामुकाबले में जलवा बिखेरेंगे। इस लिहाज से टीम इंडिया भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
विदेशी दौरों पर खुद को आजमाना हो या फिर नए खिलाड़ियों को मौका देने की बात टीम इंडिया के मैनेजमेंट ने इस बीच कई प्रयोग किए हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर निकलने से पहले कोच शास्त्री और कप्तान विराट कोहली ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब प्रयोग का दौर समाप्त हो गया है। वहीं अब जो मौजूदा सक्रिय खिलाड़ी टीम का हिस्सा हैं उन्हें ही मौका दिया जाएगा और निखारा जाएगा। इस एक फैसले से भारत के कई स्टार खिलाड़ियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
2011 के विश्वकप में जब भारत ने अपनी बादशाहत कायम की थी तो भारत के स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह इस सीरीज के हीरो थे। वहीं गौतम गंभीर ने फाइनल मुकाबले में शानदार बल्लेबाजी की थी। इस विश्वकप के इन दोनों हीरो की लंबे समय से टीम में वापसी नहीं हो सकी है। युवराज और गंभीर दोनों ने ही स्पष्ट रूप से अपने इरादे भी जाहिर किए हैं कि उनके अंदर अभी बहुत क्रिकेट बचा है और वो वर्ल्ड कप की टीम में अपनी जगह बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। हालांकि अब उनकी वापसी की जो बची-खुची उम्मीद थी वो भी धूमिल होती नजर आ रही है।
विश्वकप से पहले भारत को 13 वनडे मुकाबले और खेलने है। ऐसे में अब शास्त्री का ये बयान कई और खिलाड़ियों के इस सपने पर गाज गिरा सकता है। इस लिस्ट में सुरेश रैना और भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान रहाणे का नाम भी देखा जा सकता है। सुरेश रैना जहां एक तरफ काफी समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ रहाणे वनडे मुकाबलों में टीम मैनेजमेंट का दिल जीतने में नाकाम रहे हैं।
टीम इंडिया के आगामी एक दिवसीय मुकाबलों पर अगर नजर डालें तो भारत अभी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीन वनडे मुकाबले खेलेगा। वहीं इसके बाद भारतीय टीम पांच वनडे मैचों की सीरीज खेलने के लिए न्यूजीलैंड का दौरा करेगी। इसके बाद फिर से ऑस्ट्रेलिया की टीम 5 वनडे मैचों के लिए भारत का दौरा करेगी। इसके बाद फिर सभी टीमें विश्वकप के रण में एक दूसरे का सामना करती नजर आएंगी।