इंडियन प्रीमियर लीग और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में एक रोचक नियम का इस्तेमाल होता है। इसका नाम है इम्पैक्ट प्लेयर। 2022 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के बाद 2023 में आईपीएल में इसका इस्तेमाल हुआ था। इम्पैक्ट प्लेयर नियम की वजह से टीमों को 12 खिलाड़ियों को इस्तेमाल करने का मौका मिल जाता है। भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा समेत कई बड़े नाम इस नियम के समर्थक नहीं हैं। उनका कहना है कि यह नियम ऑलराउंडर्स के खिलाफ है।
रोहित शर्मा के साथी खिलाड़ी दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की राय अलग है। अश्विन का मानना है कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम ने आईपीएल में एक रणनीतिक सूझबूझ लेकर आया है, जो नियम को हटाने पर खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह नियम नहीं होता तो शिवम दुबे, ध्रुव जुरेल और शाहबाज अहमद जैसे खिलाड़ियों का आईपीएल में इस्तेमाल नहीं होता। ऐसे में वह भारत के लिए खेल ही नहीं पाते। उन्होंने कहा कि यह नियम ऑलराउंडर्स के खिलाफ भी नहीं है।
रणनीति ज्यादा इस्तेमाल होती है
अश्विन ने क्रिस श्रीकांत के यूट्यूब शो चीकी चीका पर कहा, “मुझे क्यों लगता है कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम इतना बुरा नहीं है, क्योंकि इसमें रणनीति ज्यादा इस्तेमाल होती है। उस तर्क का दूसरा पक्ष यह है कि इसके कारण ऑलराउंडर्स को मौका नहीं मिलता, लेकिन कोई उन्हें रोक नहीं रहा है। इस पीढ़ी में बल्लेबाज गेंदबाजी नहीं करता और गेंदबाज बल्लेबाजी नहीं करता। ऐसा इम्पैक्ट प्लेयर नियम के कारण नहीं है। वेंकटेश अय्यर को देखें वह वर्तमान में लंकाशायर के लिए शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इनोवेशन के लिए एक अवसर है और खेल को निष्पक्ष बनाता है।”
आईपीएल 2024 के क्वालिफायर 2 का उदाहरण दिया
अश्विन ने अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए आईपीएल 2024 के क्वालिफायर 2 का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ” सनराइजर्स हैदराबाद ने शाहबाज अहमद को इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर इस्तेमाल किया। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 175 रन के स्कोर के बाद उन्होंने 23 रन देकर 3 विकेट लिए और मैच जिताया।”
कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ
अश्विन ने कहा, “जब ओस के कारण खेल एकतरफा हो जाता है तो दूसरी पारी में गेंदबाजी करने वाली टीमों को काउंटर के तौर पर अतिरिक्त विकल्प मिल जाता है। यदि आप दूसरी पारी में बल्लेबाजी कर रहे हैं, तो आप अतिरिक्त गेंदबाज की जगह बल्लेबाज को खिला सकते हैं। मैच नजदीकी होते हैं और एक अतिरिक्त खिलाड़ी खेलने को मिल जाता है। कोलकाता या मुंबई में बड़े स्कोर होते है। इन दोनों को छोड़कर कहीं और कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। जैसे कि पंजाब किंग्स के घरेलू मैदान मुल्लानपुर में सभी मैच 160-170 रन के हुए।”
बहुत सारे खिलाड़ी उभरे हैं
अश्विन ने तर्क दिया कि नियम के परिणामस्वरूप कई खिलाड़ी रैंक में आगे बढ़े हैं, यहां तक कि भारतीय टीम में भी आए हैं। उन्होंने कहा, “शाहबाज अहमद, शिवम दुबे और सबसे महत्वपूर्ण ध्रुव जुरेल… अगर इम्पैक्ट प्लेयर नियम नहीं होता, तो शायद उन्हें कभी मौका नहीं मिलता। इसलिए बहुत सारे खिलाड़ी उभरे हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि खिलाड़ियों के उभरने का यही एकमात्र तरीका है, लेकिन यह इतना बुरा भी नहीं है।”