सात साल में पहली बार, साल 2020 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की ब्रांड वैल्यू 8.7 प्रतिशत (डॉलर के संदर्भ) गिर गई। बुधवार को जारी डफ एंड फेल्प्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 की चुनौतियों ने फ्रैंचाइजीस के राजस्व, टिकटों से होने वाली कमाई, भोजन और पेय पदार्थों की बिक्री पर भी असर डाला। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपए में यह गिरावट 3.6 फीसदी है।
पिछले साल दुनिया की सबसे महंगी घरेलू टी20 क्रिकेट लीग सिर्फ टीवी और डिजिटल दर्शकों के लिए ही उपलब्ध थी। भारत में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए आईपीएल 2020 संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में स्थानांतरित किया गया था। नतीजन, ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया (BARC) के अनुसार, आईपीएल 2020 की टीवी दर्शकों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। साल 2019 में आईपीएल की ब्रांड वैल्यू 47,500 करोड़ रु. थी, जबकि 2020 में यह 45,800 करोड़ रुपए रही।
फ्रैंचाइजीस की वैल्यू में भी घाटा रहा। महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) को ब्रांड वैल्यू में सबसे ज्यादा 16.5% का नुकसान हुआ। साल 2019 में सीएसके की ब्रांड वैल्यू 732 करोड़ थी। यह 2020 में 611 करोड़ हो गई। हालांकि, इसके बाद भी फ्रैंचाइजीस सबसे ज्यादा ब्रांड वैल्यू की सूची में दूसरे नंबर पर कायम है।
इस मामले में रोहित शर्मा की अगुआई वाली मुंबई इंडियंस टॉप पर है। हालांकि, ब्रांड वैल्यू में आईपीएल 2020 की चैंपियन मुंबई इंडियंस को भी 5.9% का नुकसान हुआ है। चेन्नई सुपरकिंग्स आईपीएल 2020 में 7वें नंबर पर रही थी।
साल 2019 और 2022 में यह रही आईपीएल की फ्रैंचाइजीस की ब्रांड वैल्यू
टीम | साल 2019 | साल 2020 |
मुंबई इंडियंस | 809 करोड़ रुपये | 761 करोड़ रुपये |
चेन्नई सुपर किंग्स | 732 करोड़ रुपये | 611 करोड़ रुपये |
कोलकाता नाइटराइडर्स | 629 करोड़ रुपये | 543 करोड़ रुपये |
रॉयल चैंलेंजर्स बंगलौर | 595 करोड़ रुपये | 535 करोड़ रुपये |
सनराइजर्स हैदराबाद | 483 करोड़ रुपये | 442 करोड़ रुपये |
दिल्ली कैपिटल्स | 374 करोड़ रुपये | 370 करोड़ रुपये |
किंग्स 11 पंजाब | 358 करोड़ रुपये | 318 करोड़ रुपये |
राजस्थान रॉयल्स | 271 करोड़ रुपये | 249 करोड़ रुपये |
ये है पिछले सात साल की आईपीएल की ब्रांड वैल्यू
साल | IPL की ब्रांड वैल्यू |
2014 | 19,500 करोड़ रुपये |
2015 | 21,300 करोड़ रुपये |
2016 | 27,500 करोड़ रुपये |
2017 | 34,400 करोड़ रुपये |
2018 | 41,800 करोड़ रुपये |
2019 | 47,500 करोड़ रुपये |
2020 | 45,800 करोड़ रुपये |
आईपीएल में एक रेवेन्यू डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ब्रॉडकास्टर और ऑनलाइन स्ट्रीमर से मोटी रकम वसूलता है। इसमें से वह अपनी फीस काटकर इस रकम को सभी आईपीएल टीम में बांट देता है। इसका बंटवारा टीम रैंक के आधार पर होता है। टूर्नामेंट के आखिर में जिस टीम की रैंक जितनी ज्यादा होती है, उसे मीडिया रेवेन्यू में उतना बड़ा हिस्सा मिलता है। फ्रैंचाइजीस की कुल कमाई में 60 से 70 फीसदी हिस्सा मीडिया राइट्स का होता है।