संदीप जी,विनायक मोहनरंगन। मध्य प्रदेश के तीन क्रिकेटर गुरुवार (29 मई) से शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग 2025 प्लेऑफ (IPL 2025 Playoff) में शानदार प्रदर्शन करके बड़ा नाम बन सकते हैं। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के कप्तान रजत पाटीदार के पास फ्रेंचाइजी को पहला खिताब जीतने का मौका है। पंजाब किंग्स (PBKS) के मध्यक्रम के बल्लेबाज शशांक सिंह अपनी टीम की पहली ट्रॉफी जीतने की कोशिश में अहम भूमिका निभा सकते हैं। गुजरात टाइटंस (GT) के लिए अपने पहले आईपीएल सीजन में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अरशद खान टीम की दूसरी ट्रॉफी जीतने में अहम हो सकते हैं।
कभी भारतीय क्रिकेट में कुछ खास भूमिका न रखने वाला मध्य प्रदेश ने आईपीएल को एक से बढ़कर एक प्रतिभा दी है। इस सीजन में राज्य के 11 क्रिकेटर खेले हैं। लीग को खिलाड़ी देने के मामले में वह उत्तर प्रदेश के साथ संयुक्त रूप से पांचवें स्थान पर हैं। इनसे ऊपर के चार राज्य कर्नाटक (16), मुंबई और दिल्ली (दोनों 14) और पंजाब (12) हैं। इन चारों राज्यों से लगातार टीम इंडिया को सितारे मिलते रहे हैं।
कैसे हुआ सर्वे
इंडियन एक्सप्रेस ने आईपीएल 2025 में 10 टीमों में शामिल 249 में 163 भारतीय क्रिकेटर्स के घरेलू टीमों के भौगोलिक क्षेत्र पर एक नजर डाली। सर्वे में वह खिलाड़ी भी शामिल हैं, जिन्हें सीजन के बीच में रिप्लेसमेंट के रूप में चुना गया। यह भी देखा गया कि क्या खिलाड़ी एक से अधिक घरेलू टीमों के लिए खेले हैं। इस मामले में जिस टीम के लिए उन्होंने पहली बार डेब्यू किया था, उसे लिया गया।
पंजाब भी टी20 पावरहाउस के रूप में उभरा
कर्नाटक, मुंबई (साथ ही महाराष्ट्र) और दिल्ली का इस सूची में बर्चस्व देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन पंजाब का भी टी20 पावरहाउस के रूप में उभरना भी स्पष्ट है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश का भी उदय हुआ है। हेड कोच रिकी पोंटिंग द्वारा व्यापक वीडियो स्काउटिंग का उपयोग करने के साथ पंजाब किंग्स ने भी अनकैप्ड घरेलू प्रतिभाओं में भारी निवेश किया है। विदेशी खिलाड़ियों का उपयोग भारतीयों के पूरक के रूप में किया है। एक और पैटर्न यह देखने को मिला कि डोमेस्टिक लीग से भी खिलाड़ी उभरे हैं, भले ही उन्हें प्रथम श्रेणी या वरिष्ठ व्हाइट-बॉल का अनुभव न हो।
मध्य प्रदेश पर ध्यान क्यों
छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद मध्य प्रदेश क्षेत्रफल के मामले में देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां से क्रिकेटर बहुत नहीं निकले हैं। आजादी के बाद भारत में रियासतों के विलय के बाद से राज्य से केवल चार खिलाड़ी ही टेस्ट में खेल पाए हैं। पांच ही व्हाइट बॉल इंटरनेशनल क्रिकेट खेले हैं। अब इस राज्य के अच्छा करने में पूर्व प्रथम श्रेणी खिलाड़ी और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व सचिव संजय जगदाले जैसे दूरदर्शी प्रशासक का हाथ था।

संजय जगदाले क्या बोले
संजय जगदाले ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ” सदी की शुरुआत में, हमने राज्य को भारत में एक शक्तिशाली राज्य बनाने के लिए एक खाका तैयार किया। हमारे पास इतिहास, संस्कृति, प्रतिभा और संसाधन थे। हम बस एक ऐसी जगह चाहते थे, जहां हम इन सभी को एक साथ लाकर बेहतरीन क्रिकेटर तैयार कर सकें। इसलिए हमने इंदौर में एक एकेडमी स्थापित की, जहां हमने राज्य के सर्वश्रेष्ठ युवा क्रिकेटरों को चुना और उन्हें उच्च श्रेणी की कोचिंग प्रदान की।”
प्राइवेट एकेडमी भी तेजी से बढ़ रही हैं
अगर संस्थान उन्हें तराशता है तो स्थानीय टूर्नामेंट में साल भर की कड़ी मेहनत उन्हें और मजबूत बनाती है। पूरे राज्य में और भी एकेडमी खुल गई हैं। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की खुद ग्वालियर, सागर, भोपाल, होशंगाबाद, रीवा और जबलपुर में सब-एकेडमी हैं। प्राइवेट एकेडमी भी तेजी से बढ़ रही हैं। 2024 में शुरू की गई मध्य प्रदेश क्रिकेट लीग बिखरी हुई प्रतिभाओं को एकजुट करने का काम कर रही है, जिसमें इस साल से चंबल क्षेत्र से एक फ्रेंचाइजी के साथ-साथ महिलाओं के लिए तीन टीमों की लीग भी शामिल है।
आईपीएल स्काउट्स की निगाहें
भोपाल में फेथ क्लब में कोच पूर्व क्रिकेटर ईश्वर पांडे ने कहा, “यह युवा क्रिकेटरों को अवसर और अनुभव देने का एक बेहतरीन मंच रहा है। यह बहुत प्रतिस्पर्धी है और अगर आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आईपीएल स्काउट्स आपको नोटिस करेंगे। राज्य से और भी क्रिकेटर निकलकर सामने आ सकते हैं।”
घरेलू टी20 लीग
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और पंजाब किंग्स के नए मुख्य कोच रिकी पोंटिंग ने सीजन की शुरुआत में द इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज में कहा था, “मैं गारंटी देता हूं कि वह इस आईपीएल में छाप छोड़ेंगे।” पोंटिंग किसी अनुभवी भारतीय खिलाड़ी या विदेशी स्टार खिलाड़ी को लेकर उत्साहित नहीं थे। वह दिल्ली के बाएं हाथ के बल्लेबाज प्रियांश आर्य का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने नीलामी में फ्रेंचाइजी द्वारा चुने जाने से पहले कुछ लिस्ट ए और घरेलू टी20 मैच खेले थे।
प्रियांश आर्या जैसे स्ट्राइकर की थी तलाश
पोटिंग ने कहा, “हमारे पास कई जगहें थीं, हमने सबसे अनुभवी भारतीय खिलाड़ियों के साथ शुरुआत की। मैंने युवा खिलाड़ियों के कई वीडियो देखे। मैं बॉल स्ट्राइकिंग टैलेंट की तलाश में था, जैसे प्रियांश आर्या। वह पूरी तरह से क्लीन स्ट्राइकर हैं। हमारे स्काउट्स ने इन लोगों को खोजने और मुझे वीडियो भेजने में शानदार काम किया।”
आईपीएल का ट्रेंड
इनमें से एक वीडियो में आर्या को दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) में साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स के लिए एक ओवर में छह छक्के लगाते हुए देखा गया होगा। यह इस आईपीएल सीजन का एक ट्रेंड रहा है, क्योंकि आर्या, दिग्वेश राठी और अनिकेत वर्मा जैसे खिलाड़ियों ने घरेलू टी20 लीग में कमाल दिखाने के बाद लीग में भी अपनी छाप छोड़ी है।

29 भारतीय क्रिकेटर्स पहली बार चुने गए
आईपीएल 2025 में 29 भारतीय क्रिकेटर्स को पहली बार चुना गया है। उनमें से 9 ने आईपीएल फ्रेंचाइजी द्वारा चुने जाने से पहले अपना प्रथम श्रेणी या लिस्ट ए डेब्यू नहीं किया था। मनवंत कुमार को कर्नाटक में महाराजा टी20 ट्रॉफी के जरिए मौका मिला। एमपी टी20 लीग ने माधव तिवारी, शिवम शुक्ला और अनिकेत वर्मा को टिकट दिलाया। 3 खिलाड़ियों तिवारी (दिल्ली कैपिटल्स), विग्नेश पुथुर (मुंबई इंडियंस) और अभिनंदन सिंह (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) को नीलामी में तीन प्रमुख घरेलू टूर्नामेंटों में से किसी में भी डेब्यू किए बिना चुना गया।
टी20 लीग की सफलता
29 में से अधिकांश को देश भर में टी20 लीग में कुछ हद तक सफलता मिली है। आर्या और राठी एक ही टीम से डीपीएल में खेले। राठी ने लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के लिए अच्छा किया। डीपीएल के माध्यम से सामने आने वाली अन्य प्रतिभाओं में वंश बेदी (चेन्नई सुपर किंग्स) और प्रिंस यादव (एलएसजी) शामिल हैं। अश्विनी कुमार को शेर-ए-पंजाब टी20 में डेथ बॉलिंग के कारण पचहान मिली। एमआई स्काउट्स ने उन्हें तराशा।
लोकल लीग हुए महत्वपूर्ण
भारत के पूर्व क्रिकेटर अभिनव मुकुंद ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो के लिए लिखा, “अगर ये लीग नहीं होती तो शायद ये खिलाड़ी आईपीएल में नहीं पहुंच पाते। इनमें करुण नायर और जीशान अंसारी जैसे घरेलू ढांचे में खोए क्रिकेटर भी शामिल हैं, जिन्हें इन टूर्नामेंट की बदौलत फिर से मौका मिला।” मुकुंद शुरुआती दौर में तमिलनाडु प्रीमियर लीग का हिस्सा रहे हैं। यह एक और लीग है, जिसने आईपीएल में बड़ी संख्या में खिलाड़ी दिए हैं। उन्होंने इन लीगों के लिए ठोस वित्तीय व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि वे ध्वस्त न हो जाएं।
लोकल खिलाड़ी
यूरोपीय फुटबॉल क्लब के प्रशंसक उन खिलाड़ियों पर बहुत गर्व करते हैं जो क्लब की एकेडमी से उभरकर आते हैं और अपनी घरेलू टीमों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ला मासिया से ग्रेजुएट बार्सिलोना के लिए खेल रहे हैं। हेल एंड प्रोडक्टस आर्सेनल के लिए चमक रहे हैं। लेकिन आईपीएल जैसी लीग में किसी टीम में लोकल खिलाड़ियों का बहुत प्रतिनिधित्व संभव नहीं, क्योंकि हर तीन साल में मेगा ऑक्शन होता है और टैलेंट पूल सभी के लिए खुला है। 10 में से केवल 7 टीमों में उस राज्य के खिलाड़ी हैं, जिनका वे घरेलू स्तर प्रतिनिधित्व करते हैं। इस सूची में पीबीकेएस, सीएसके, एमआई और आरसीबी सबसे ऊपर हैं। पीबीकेएस ने अर्शदीप सिंह के नेतृत्व में स्थानीय प्रतिभाओं का एक अच्छा कोर तैयार किया है। लोकल स्टार पावर के मामले में एमआई का हमेशा से मजबूत रहा है। शुरुआत में उनके पास सचिन तेंदुलकर थे और उसके बाद से रोहित शर्मा हैं।