इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सबसे सफल क्रिकेटरों में से एक और एक बड़ा ब्रांड नाम होने के बावजूद रोहित शर्मा की 18वें संस्करण में मैदान पर मौजूदगी काफी सीमित रही है। मुंबई इंडियंस ने उन्हें इस सीजन में एक मैच को छोड़कर हर बार इम्पैक्ट सब्स्टिट्यूट के रूप में इस्तेमाल किया है। विश्व कप विजेता कप्तान होने के बावजूद रोहित ने विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में ज्यादा समय क्रीज पर नहीं बिताया। इस सीजन में उन्होंने मुंबई के लिए छह मैच खेले (एक चोट के कारण छूटा) लेकिन वह पावरप्ले से आगे बल्लेबाजी नहीं कर पाए। उनके स्कोर इस प्रकार हैं- 0, 8, 13, 17, 18, 26।

निश्चित रूप से इसमें सुधार दिखता है और आखिरी पारी में वह पहले की तुलना में बेहतर लय में दिखे लेकिन यह उम्मीदों से काफी कम है। सीएसके के खिलाफ अपने पहले मुकाबले में रोहित शर्मा खाता भी नही खोल सके थे क्या चेन्नई के खिलाफ दूसरे मुकाबले में रन बना पाएंगे, देखने वाली बात ये होगी कि खलील अहमद के खिलाफ रोहित क्या अपनी बल्लेबाजी में बदलाव करते हैं।

आक्रामक बल्लेबाजी का दबाव

भारत के कप्तान और हाल के समय में व्हाइट-बॉल क्रिकेट में पेस-सेटर के रूप में रोहित ने हमेशा अधिकतम प्रभाव डालने और रनों की मात्रा की चिंता न करने की बात कही है। यह दृष्टिकोण मौजूदा टी20 क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज के लिए फायदेमंद होना चाहिए; शायद यही कारण है कि ऑरेंज कैप को इस प्रारूप के जानकारों द्वारा इतना महत्वपूर्ण नहीं माना जाता। लेकिन 16.30 करोड़ रुपये में रिटेन किया गया एक बल्लेबाज तब प्रभाव नहीं डाल सकता, जब उसकी आउट होने की सूची इस तरह हो: ओवर 0.4, 0.4, 5.2, 1.4, 4.6, 3.5।

रोहित इस सीजन में औसतन 9.5 गेंद प्रति पारी खेल रहे हैं। इस सीजन में कम से कम 50 रन बनाने वाले 69 बल्लेबाजों में रोहित इस मामले में छठे सबसे निचले स्थान पर हैं। गहराई से देखें तो केवल एक टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज दिल्ली कैपिटल्स के जैक फ्रेजर-मैकगर्क, जिनका ये सीजन अभी तक खराब रहा है उन्होंने रोहित से कम गेंद प्रति पारी खेल रहा है। बाकी चार बल्लेबाज- अब्दुल समद, पैट कमिंस, विप्रज निगम और शाहरुख खान—लोअर-ऑर्डर फिनिशर हैं और इन सभी का स्ट्राइक रेट 160 से अधिक है, जबकि रोहित का 143.85 है।

गिरावट का दौर

रोहित के पूरे आईपीएल करियर में 2025 वह साल है जब उन्होंने क्रीज पर सबसे कम समय बिताया। 18 साल के आईपीएल करियर में 258 पारियों में रोहित का औसतन 19.8 गेंद प्रति पारी खेलने का रिकॉर्ड है और इस साल के 9.5 गेंदों के बाद उनका दूसरा सबसे खराब सीजन 2018 था, जब उन्होंने 15.4 गेंद प्रति पारी खेली थीं। हालांकि चिंता की बात यह है कि आईपीएल 2025 कोई अपवाद नहीं है। उनके आंकड़ों में गिरावट कुछ समय से देखा जा रहा है।

पिछले सीजन में उनके कुल आंकड़े ठीक थे 14 मैचों में 417 रन, 150 के स्ट्राइक रेट के साथ लेकिन ये आंकड़े वानखेड़े स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 63 गेंदों में नाबाद 105 और लीग चरण के आखिरी मैच में 68 रनों की पारी से प्रभावित हैं। इन दो पारियों को छोड़ दें तो उनके स्कोर थे: 36, 6, 8, 4, 11, 4, 19। एक वेबसाइट के अनुसार 2017 के बाद से रोहित को 50+ स्कोर बनाने के लिए औसतन 8.9 पारी लगती हैं, जो टॉप-3 में बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाजों में सबसे खराब है, जिन्होंने इस दौरान कम से कम 10 बार ऐसा स्कोर बनाया हो।

बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों की चुनौती

रोहित की आउट होने की वजहों को देखें तो एक पुरानी समस्या फिर उभरती है: बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों का सामना करना। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ खलील अहमद ने उन्हें पहले ओवर में आउट किया, जब उन्होंने एक हानिरहित गेंद को मिडविकेट पर खेल दिया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ यश दयाल की फुलर गेंद ने उन्हें बोल्ड किया। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ लेग-स्पिनर विप्रज के खिलाफ उनकी प्रतिक्रिया धीमी थी, जब वह स्वीप करने के लिए नीचे झुके तो गेंद उनके पिछले पैर पर लगी। अहमदाबाद में मोहम्मद सिराज की वॉबल-सीम गेंद ने उन्हें फिर से उनकी कमजोरियों को उजागर किया।

कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ वह आंद्रे रसल की गेंद पर एक गैर जरूरी शॉट खेलकर आउट हुए, जबकि सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ शायद इस साल उनकी सबसे सहज पारी थी उन्होंने एक लो फुल टॉस को सीधे ट्रैविस हेड के हाथों में खेल दिया। इस समय में पुल शॉट्स के लिए जाते हैं फिर पहले जैसा गेंद को टाइम नहीं कर पाते वहीं छोटी गेंद के खिलाफ पीछे हटकर खेलने की गति के कारण भी वो फंसते दिखाई देते हैं।

रोहित शर्मा से बड़ी पारी की उम्मीद

सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ कुछ सकारात्मक संकेत दिखे। एक छक्का टॉप-एज था, लेकिन उन्होंने अपनी पसंदीदा पिक-अप शॉट को दो बार शानदार तरीके से खेला, जिससे बड़े छक्के लगे। मुंबई इंडियंस को उम्मीद होगी कि यह किसी तरह उनके प्रदर्शन में बदलाव लाएगा।

मुंबई इंडियंस के पूर्व कोच मार्क बाउचर ने प्रसारकों से कहा कि उन्होंने गेंदबाजों पर दबाव बनाने का जिम्मा लिया। हमने कुछ रोहित शर्मा छक्के देखे तो मुझे उनकी मानसिकता पसंद आई। मुंबई के बल्लेबाजी कोच किरोन पोलार्ड ने भी सीजन की शुरुआत में यही भावना व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि कभी-कभी आपको कुछ कम स्कोर मिलते हैं। एक व्यक्ति के रूप में वह अपने क्रिकेट का आनंद ले रहे हैं और कुछ परिस्थितियों में दबाव नहीं ले रहे। मुझे यकीन है कि जब वह बड़ा स्कोर बनाएंगे तो हम उनकी तारीफ करेंगे।