हिमांशु अग्निहोत्री। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 का 29वां मैच राजधानी दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में रविवार 13 अप्रैल की शाम 07:30 बजे से खेला जाना है। दिल्ली बनाम मुंबई मैच को लेकर फैंस में गजब का उत्साह है। हालांकि, बहुत से स्थानीय फैंस इसलिए निराश हैं, क्योंकि उन्हें मैच के टिकट नहीं मिल पाये। आनलाइन पोर्टल्स पर टिकटें कुछ ही मिनटों में बिक गईं। इस बीच, दिल्ली बनाम मुंबई मैच के टिकटों की कालाबाजारी का मामला सामने आया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर @vanshsi30998842 हैंडल से पोस्ट शेयर की गई। हैंडल को कुणाल अग्रवाल का नाम दिया गया था। इस पोस्ट में लिखा था, अरुण जेटली स्टेडियम में डीसी वर्सेस एमआई के मैच के लिए ईस्ट स्टैंड ग्राउंड फ्लोर के 8 टिकट उपलब्ध हैं। बहुत ही किफायती दरों पर H2H उपलब्ध हैं। DM Fast (जल्द से जल्द डायरेक्ट मैसेज करें)। इस संदेश के साथ 2 तस्वीरें भी शेयर की गईं थीं। तस्वीर देखने पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे दिल्ली कैपिटल्स बनाम मुंबई इंडियंस मैच के पास हैं, क्योंकि उन पर Complimentary लिखा हुआ था।
एक पास के मांग 6 हजार रुपये
जनसत्ता को जब यह जानकारी मिली तो संवाददाता हिमांशु अग्निहोत्री ने कुणाल अग्रवाल को X पर DM किया और टिकटों के बारे में पूछा। कुणाल ने खुद को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का सदस्य बताया। उसने एक पास की कीमत 6000 रुपये बताई और पास सौंपने के लिए मिलने का स्थान भी तय किया। नंबर मांगने पर उनसे अपना नंबर (76XXXXXX25) एक्स के इनबाक्स पर भेजा।
पास बेचने के लिए अक्षरधाम मेट्रो के पास बुलाया
उसने बताया कि डीडीसीए का सदस्य होने के नाते मुझे कुछ पास मिलते हैं, जिसे मैं बेचना चाहता हूं। जनसत्ता संवाददाता ने कहा कि 4 पास चाहिये, कैसे मिलेंगे तब कुणाल ने बताया कि मैं गीता कालोनी के पास रहता हूं। आप वहीं पास स्थित पेट्रोल पंप पर आ जाओ, मैं आपको वहीं पास दे दूंगा। इस पर जनसत्ता संवाददाता ने कहा कि वह गीता कालोनी नहीं आ सकते, अरुण जेटली स्टेडियम के बाहर ही पास लाकर दे दो तो उसने कहा कि वह अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के पास आकर पास दे देगा। इसके बाद जनसत्ता संवाददाता ने कहा कि ठीक है आधे घंटे बाद संपर्क करता हूं।



रोहन जेटली बोले- अभी मैं बाहर हूं
इस संबंध में डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली से संपर्क किया गया तो उन्होंने संक्षेप में “Let me check” कहा और फोन काट दिया। जब फिर उनसे संपर्क किया गया तो वह मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आए। उन्होंने बोला कि मैं बाहर हूं। मैं इस संबंध में कुछ नहीं बोल सकता। अगर मैं परिसर में होता तो मैं बता पाता। अभी आप डीडीसीए के सचिव से संपर्क करें। इतना कहने के बाद उन्होंने कॉल काट दिया।
अशोक शर्मा ने कहा- DDCA का पंजीकृत सदस्य नहीं
डीडीसीए के सचिव अशोक शर्मा से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि कुणाल अग्रवाल नाम का जो व्यक्ति पास बेच रहा है, वह डीडीसीए का पंजीकृत सदस्य नहीं है। फोटो देखकर यह साफ है कि यह युवक कोई और है। अशोक शर्मा ने यह भी आश्वासन दिया कि मामले की गहन जांच की जाएगी। यदि कोई अधिकृत सदस्य इस तरह की गतिविधि में लिप्त पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अशोक शर्मा ने यह भी बताया कि डीडीसीए के हर एक सदस्य को एक पास मिलता है। अब यह जांच का विषय है कि उस व्यक्ति के पास इतने सारे पास कैसे आए। साथ ही उन्होंने बताया कि कोई वेबसाइट है, जहां दुनिया के कोई भी मैच चल रहे हों, वहां उस मैच के पास उपलब्ध हो जाते हैं। कुछ देशों में ये साइट वैध तरीके से इस्तेमाल की जाती है और कुछ देशों में यह अवैध है।
अशोक शर्मा से बात होने के बाद बदल गया टिकट बेचने वाले X हैंडल का हुलिया
अशोक शर्मा से बात होने के बाद जब एक्स हैंडल @vanshsi30998842 पर दोबारा विजिट किया गया तो पहले और बाद में बहुत बदलाव आ चुका था। जनसत्ता संवाददाता ने जब पहली बार उससे संपर्क किया था तो एक्स हैंडल पर एक तस्वीर लगी हुई थी, नाम Kunal Aggarwal दिया गया था, लेकिन बाद में इसी हैंडल का नाम बदलकर hh कर दिया गया।

यही नहीं पास वाली तस्वीरें भी हटा दी गईं और प्रोफाइल फोटो वाले गोल घेरे को काला रंग दे दिया गया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जो व्यक्ति इतने धड़ल्ले से कालाबाजारी कर रहा हो, उसे अचानक यह कैसे आभास हो गया कि उससे गलती हो गई है और उसने सब कुछ बदल दिया।
क्रिकेट मैच के पास को लेकर कुछ नियम
पास या टिकट की कालाबाजारी (ब्लैक में बेचना) भारतीय न्याय संहिता की धारा 318, 406 और Delhi Prevention of Defacement of Property Act के अंतर्गत अपराध है। इस पर पुलिस या आयोजन समिति द्वारा कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जेल और जुर्माना दोनों संभव हैं।
संस्था की कार्रवाई
यदि कोई अधिकृत सदस्य पास बेचता पकड़ा जाता है, तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है या उसे स्थायी रूप से प्रतिबंध किया जा सकता है।
