प्रत्युष राज

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 (IPL 2023) में रविवार को रिंकू सिंह ने ‘अनहोनी को होनी’ कर दिखाया। गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ आखिरी ओवर में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को 29 रन की दरकार थी। यश दयाल के ओवर में रिंकू ने लगातार 5 छक्के लगा दिए। एक तरफ जहां रिंंकू और कोलकाता के खिलाड़ी जश्न मना रहे थे तो दूसरी ओर यश के आखों में आंसू थे। यही वजह थी कि उनके पिता चंद्रपाल दयाल ने सोमवार को जीवन में पहली बार अखबार को हाथ नहीं लगाया। वह अपने दिन की शुरुआत सुबह अखबार से करते हैं। वह अपने बेटे की रोते हुए तस्वीर नहीं देखना चाहते थे। उन्होंने सोशल मीडिया भी चेक नहीं किया।

रिंकू सिंह और यश दयाल दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले है। आखिरी गेंद पर छक्का लगने के बाद अलीगढ़ में रिंकू के घर में जश्न माहौल तो प्रयागराज के रहने वाले यश के पिता चंद्रपाल ने टेलीविजन बंद कर दिया। उन्हें अपने करीबी लोगों से पता चला कि यश मैदान पर रो रहे थे। चंद्रपाल को बेटे की चिंता सताने लगी। यश ज्यादा बातचीत नहीं करते और ना ही अपनी भावनाओं को जाहिर करते हैं। चंद्रपाल इसी वजह से चिंतित थे। उन्होंने यश से फोन पर बात की और 2007 टी20 वर्ल्ड कप में छह छक्का खाने वाले स्टुअर्ट ब्रॉड समेत अन्य गेंदबाजों के उदाहरण देकर हौसला बढ़ाया। ब्रॉड को टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने छह छक्के जड़े थे।

चंद्रपाल ने चाची, चाचा, और चचेरी बहन को यश से मिलने भेजा

फोन पर बात करने से पहले चंद्रपाल ने टीम होटल में यश की चाची, चाचा, और चचेरी बहन को भेजा, जो मैच देखने स्टेडियम गए थे। द इंडियन एक्सप्रेस से चंद्रपाल ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि जाओ और उसका हौसला बढ़ाओ। उसका मनोबल बढ़ाओ। वह उदास होगा। प्लीज जाओ। वह बोलता भी बहुत कम है। वह इंट्रोवर्ट है और ऐसी स्थिति में भी वह किसी से कुछ नहीं बोलेगा।”

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यश का अगला मैच देखने स्टेडियम जाएंगे

चंद्रपाल 80 के दशक के अंत में विजी ट्रॉफी में खेलने वाले तेज गेंदबाज थे। उन्हें यश से बात करने से पहले खुद को संभालना पड़ा। उन्होंने कहा, “मैं एक क्रिकेटर रहा हूं, लेकिन माता- पिता होना अलग ही बात है। मैं थोड़ा उदास था, ‘क्यों हुआ, कैसे हुआ, अपने बेटे के लिए चिंतित था।” फिर उन्होंने फैसला किया कि वह इस मुश्किल समय में अपने बेटे के साथ खड़े होंगे और अगला मैच देखने स्टेडियम जाएंगे। इसके बाद उन्होंने यश को फोन किया।

चंद्रपाल ने यश से क्या कहा?

चंद्रपाल ने जब फोन किया तो यश चाचा-चाची के हौसला बढ़ाने से थोड़ा बहुत उबर चुके थे। कोई पिता एक युवा लड़के से क्या कहेगा, जो भारत के लिए खेलने और स्टार बनने का सपना रखता है और उसके एक ओवर की वीडियो वायरल थी? उन्होंने यश से कहा, “घबराना नहीं। क्रिकेट में यह कोई नई बात नहीं है। गेंदबाजों को मार पड़ती है। यह बड़े गेंदबाजों के साथ हुआ है। बस कड़ी मेहनत करो, देखो तुमने कहां गलतियां कीं, लेकिन याद रखना क्रिकेट में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। मलिंगा, स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे बड़े खिलाड़ी ऐसे हालात से गुजर चुके हैं।” इसके बाद उन्होंने यश से कहा कि वह 13 तारीख को मोहाली में होने वाले अगले मैच में पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हारे पास आ रहा हूं, मैं तुम्हारे साथ रहूंगा … वह वापसी करेगा। मुझे उम्मीद है कि ऐसी काली रात उसके जीवन में फिर कभी नहीं आएगी। वह मजबूती से वापसी करेगा।”

छह साल के यश में दिखी क्रिकेट की प्रतिभा

यश छह साल के थे जब चंद्रपाल ने उनमें क्रिकेट की प्रतिभा देखी। चंद्रपाल का क्रिकेट भविष्य वैसा नहीं हुआ जैसा उन्होंने सपना देखा था क्योंकि उनके पिता इसके खिलाफ थे। एजी कार्यालय में काम करने वाले दयाल याद करते हैं, “मेरे पिता हमेशा कहते थे कि क्रिकेट में कोई भविष्य नहीं है, मैं अपना समय बर्बाद कर रहा हूं, मुझे सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करनी चाहिए।”

पिता इस वजह से हुए हैरान

एक दिन जब छह साल के यश घर के बाहर अपने चचेरे भाइयों के साथ क्रिकेट खेल रहा था, तो पिता चंद्रपाल में कुछ देखकर चौंक गए। उन्होंने कहा, “जिस चीज ने मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित किया, वह यह कि मैंने उसे बाएं हाथ से गेंद फेंकते हुए देखा। उसने बाएं हाथ से गेंदबाजी शुरू की और मुझे हैरानी हुई कि वह एक तेज गेंदबाज निकला।” उन्होंने यश के साथ ट्रेनिंग शुरू की। 12 साल की उम्र में यश का दाखिला इलाहाबाद के मदन मोहन मालवीय क्रिकेट स्टेडियम में हुआ।