दस अप्रैल 2022 की सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में सिरमौर चौराहा स्थित रामपाल सेन की छोटी सी दुकान के बाहर लंबी कतार लगी थी। दरअसल, उनका बेटा कुलदीप सेन रातों-रात उनके स्टार जो बन गया था। 25 साल के कुलदीप ने वानखेड़े स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स के लिए अपना आईपीएल डेब्यू करते हुए लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ अंतिम ओवर में 15 रनों का बचाव किया।
उनके बेटे की सफलता के खेल का मतलब था कि रामपाल ने सप्ताह की असामान्य रूप से व्यस्त शुरुआत की थी। रामपाल ने बाल काटते हुए इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘आज मेरे पास खाने का समय नहीं है। बहुत सारे ग्राहक हैं। मैं पिछले 30 साल से ऐसा कर रहा हूं। मैं बेटे के लिए खुश हूं। उसने मुझे गौरवान्वित किया है। मैंने खेल के प्रति उसके जुनून का कभी समर्थन नहीं किया। जब वह स्कूल में था तब मैंने क्रिकेट खेलने के लिए उसे डांटा और पीटा, लेकिन उसने अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ा।’
रामपाल की नाई की दुकान है। वह महीने भर में 8,000 रुपए ही कमा पाते हैं। कुलदीप ने अपने करियर का श्रेय मध्य प्रदेश के पूर्व अंडर-19 तेज गेंदबाज एरिल एंथोनी को दिया। कुलदीप रामपाल के 5 बच्चों में से एक हैं। कम पारिवारिक आय का मतलब था कि कुलदीप के पास क्रिकेट किट खरीदने तक के पैसे नहीं थे। रामपाल ने बताया, ‘सारा श्रेय कोच एरिल एंथोनी को जाता है। उन्होंने कुलदीप के ट्रेनिंग गियर, स्पाइक्स और डाइट से लेकर हर चीज का ध्यान रखा।’
बेटे की रातोंरात सफलता के बावजूद, पिता की दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं आया। हर दिन की तरह रामपाल हरिहरपुर गांव से रीवा तक 6 किलोमीटर साइकिल से अपनी दुकान पहुंचे। रविवार रात अंतिम ओवर की पहली गेंद पर कुलदीप ने सिर्फ एक रन दिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मार्कस स्टोइनिस को 3 डॉट गेंद फेंकीं। मार्कस स्टोइनिस ने उनकी आखिरी 2 गेंद पर एक चौका और एक छक्का लगाया, लेकिन यह व्यर्थ रहा, क्योंकि राजस्थान रॉयल्स 3 रन से जीत गई।

एंथोनी ने चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में एक नवोदित तेज गेंदबाज के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ऑस्ट्रेलिया के महान डेनिस लिली द्वारा उन्हें बताई गई बातों का अनुसरण किया। एंथोनी ने बताया, ‘लिली ने एक बार कहा था कि एक प्रतिभा को गैर-क्रिकेटिंग कारणों से बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए। मैंने कुलदीप की फीस माफ कर दी।’ कोच एंथोनी ने यह भी सुनिश्चित किया कि कुलदीप का करियर जल्दी पटरी से न उतरे।
एंथोनी ने बताया, ‘वह बाउंसर फेंकना पसंद करता था, लेकिन इस प्रक्रिया में वह एक ओवर में एक या दो बार चक (Chuck) करता था। इसी कारण मैंने उसे कभी भी जिला स्तर पर ट्रायल में नहीं जाने दिया। एक आरोप लगता और करियर खत्म हो जाता। उसकी इस कमी को ठीक करने में मुझे 4 साल लगे। कुलदीप ने एक रीमॉडेल्ड एक्शन के साथ 2018-19 सीजन में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया। उसने 8 मैच में 25 विकेट हासिल किए।
एंथोनी ने कहा, ‘कुलदीप तेज है लेकिन फिर भी बहुत कच्चा है। उसे बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करना ठीक है, लेकिन उसे रेड बॉल क्रिकेट में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए। आईपीएल के 3 महीने उसके लिए अच्छा एक्सपोजर है। शीर्ष भारतीय और विदेशी क्रिकेटर्स के साथ खेलना अपने आप में बड़ी बात है।

एंथोनी इस बात पर नजर रख रहे हैं कि क्या कुलदीप आईपीएल के दौरान खराब तेज गेंदबाजी की आदतों में लौट तो नहीं रहा। एंथोनी ने बताया, ‘जब वह अपने प्रथम श्रेणी सत्र के बाद लौटा, तो मैंने देखा कि उसका सिर गिर रहा था, उसका अगला पैर अजीब तरह से पड़ रहा था। मैंने तुरंत उससे पूछा कि उसने अपना एक्शन क्यों बदला है? इस पर उसने जवाब दिया था, सर बाउंस ज्यादा मिलता है। मैंने उनसे कहा कि एक चोट और करियर खत्म हो जाएगा। अपना पिछला एक्शन ही अपनाओ।’
एंथोनी ने कुलदीप को भी कुछ वैसा ही करने की सलाह दी है, जैसा 90 के दशक की शुरुआत में लिली से प्रशिक्षण लेने के दौरान वह करते थे। वह चाहते हैं कि जब राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाजी कोच लसिथ मलिंगा बात कर रहे हों तो कुलदीप का दिमाग स्पंज की तरह उनकी पूरी सलाह को सोख ले।

राजस्थान रॉयल्स के मुख्य कोच कुमार संगकारा ने भी कुलदीप की तारीफ की है। संगकारा ने मैच के बाद कहा था, ‘मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि सभी को कितना प्रभावित किया। विशेष रूप से मैं उसके साथ हूं कि कुलदीप सेन ने अपना पहला गेम कैसे संभाला; उसने कैसी गेंदबाजी की, वह कैसा सोचता है… उसने दबाव में सबसे कठिन ओवर फेंका और हमारे लिए बेहतरीन काम किया।’