India vs England ODI Series: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रैंचाइजी कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के पूर्व कप्तान दिनेश कार्तिक ने रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर (आरसीबी) के कप्तान विराट कोहली की तारीफ की है। इसके पीछे उन्होंने कोहली का प्रतिस्पर्धी स्वभाव बताया है। विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने कहा कि विराट का रवैया उनके टीम के साथियों पर भी परिलाक्षित होता है।
कार्तिक ने स्काई स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा, ‘हम कोहली को लेकर उनकी अनोखी बातें, बॉडी लैंग्वेज पर चर्चा करते हैं, लेकिन उनमें कुछ दूसरी और भी खूबियां हैं। आप देखते हैं कि हार्दिक पंड्या हमेशा चहकता रहता है, लेकिन वह ऐसा व्यक्ति है जो किसी भी कीमत पर मैच को हाथ से जाने नहीं देना चाहता है। आप रोहित शर्मा को देखते हैं, वह बहुत शांतचित व्यक्ति है, लेकिन बहुत आक्रामकता के साथ खेलते हैं।मैदान में वह बहुत आक्रामक हैं, लेकिन अपनी बॉडी लैंग्वेज से यह नहीं दिखा सकते। हालांकि, वह सब कुछ जीतना चाहते हैं।’
कार्तिक ने कहा, ‘भुवनेश्वर कुमार को ही ले लें। आप उनसे बात करेंगे तो पता चलेगा कि वह ऐसे व्यक्ति हैं, जो ज्यादा नुकसान नहीं उठा सकते। इसलिए, आपको ये सभी पात्र मिल गए हैं। इनमें कोहली अपनी बॉडी लैंग्वेज के साथ सबसे आगे हैं। निश्चित रूप से वह ऐसे कप्तान हैं जो सामने से फ्रंटफुट पर आकर लीड करते हैं।’
भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले एकदिवसीय मैच में जीत जीत हासिल की। कार्तिक ने कहा, ‘एक टीम की ओर से किया गया यह विशेष प्रयास था। यह कप्तान ही थे जिन्होंने टॉस में ही यह स्पष्ट कर दिया था कि भारत सीरीज में वापसी के इरादे से उतरा है और शुरुआती स्थिरता हासिल करना चाहता है।’
कार्तिक ने कहा, ‘अगर आपको याद है, तो विराट कोहली ने टॉस में क्या कहा था। उन्होंने कहा था- यदि वह कोई एक चीज करना चाहते हैं तो वो पहला मैच जीतने की कोशिश करना है, ना कि मैच हारकर सीरीज में वापसी करना। वास्तव में यही हुआ है।’
कार्तिक ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यही भारतीय टीम का भी मानना है। यह टीम किसी भी स्थिति से जीत सकती है। पहले वनडे में आपने देखा कि 14.2 ओवर तक इंग्लैंड का स्कोर बिना किसी नुकसान के 135 रन था और अगले 116 रन पर उन्हें ऑलआउट कर दिया। यह टीम का विशेष प्रयास ही कहा जाएगा।’
कार्तिक ने इंग्लैंड के 10 में से नौ विकेट झटकने के लिए तेज गेंदबाजों के प्रयासों की भी प्रशंसा की। कार्तिक ने कहा, ‘दस में से 9 विकेट तेज गेंदबाजों के नाम रहे। इसलिए कुछ ऐसा हुआ, जो वे सही कर रहे थे, क्योंकि इंग्लैंड को बीच में इतने सारे विकेट नहीं मिले, लेकिन भारत ने कोशिश जारी रखी और धीरे-धीरे उनका पुलिंदा बांध दिया। उसने मैच अपने नाम किया।’