इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 13वां सीजन 19 सितंबर से यूएई में शुरू हो रहा है। टूर्नामेंट में 8 टीमें 60 मैच खेलेंगी। अब तक हुए आईपीएल के 12 सीजन में हर साल कोई न कोई विवाद हुआ है। 2013 में विराट कोहली और गौतम गंभीर के बीच मैदान पर हुए विवाद ने सबका ध्यान खींचा था। तब गंभीर कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान थे। कोहली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की बागडोर संभाल रहे थे। मैच के दौरान दोनों में भिड़ंत हो गई। कई खिलाड़ियों और अंपायर्स ने मिलकर दोनों को शांत करवाया था।
दरअसल, कोलकाता की टीम गेंदबाज़ी कर रही थी। जब मैच आरसीबी के पक्ष में जाता हुआ दिखाई दिया तो दोनों टीमों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया था। इसी बीच लक्ष्मीपति बालाजी ने कोहली को कैच आउट कर दिया। जब आउट होने के बाद विराट पवेलियन की ओर जा रहे थे तभी गंभीर के साथ तू-तू मैं-मैं हो गई। दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को अपशब्द कहे थे। कोहली के आउट होने के बाद पहले गंभीर ने कुछ कहा था, जिसके बाद आरसीबी के कप्तान ने पलटकर गुस्से में कुछ कह दिया। इतने में दोनों खिलाड़ी भिड़ गए। अंपायर और दूसरे खिलाड़ियों को बीच-बचाव करना पड़ा था।
कोलकाता ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बेंगलुरु को 155 रनों का लक्ष्य दिया ता। क्रिस गेल ने मैच में 50 गेंद पर 85 रन बनाए थे। आरसीबी की टीम एक सदस्य 9 ओवर में एक विकेट के नुकसान पर 75 रन बना चुकी थी। तभी बालाजी ने कोहली को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। कोहली पवेलियन की ओर लौटने की बजाए गेंदबाज की तरफ बढ़ गए और कुछ कहा। इससे गंभीर को गुस्सा आ गया। वे अपने गेंदबाज के बचाव के लिए सामने आ गए। दिल्ली के रजत भाटिया ने दोनों के बीच जारी बहस को बंद करवाया और अलग-अलग किया।
रजत ने एक इंटरव्यू में उस वाकये को याद कर कहा था, ‘‘ऐसा तभी होता है, जब दोनों टीमों के कप्तान आक्रामक हों। वे अपनी-अपनी टीमों को जीत दिलाना चाहते हैं। दोनों की भिड़ंत के बाद भी वह सिर्फ खेल का हिस्सा था। इसके बाद मैंने कभी गंभीर और कोहली को लड़ते नहीं देखा। मैच की उत्तेजना में कई बार ऐसा हो जाता है, लेकिन इसे बुरा स्वरूप नहीं ग्रहण करना चाहिए।’’ गंभीर अब क्रिकेट नहीं खेलते हैं। वे दिल्ली से भाजपा के सांसद हैं।
