कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) की फ्रैंचाइजी टीम से जुड़ा एक भारतीय मालिक भ्रष्टाचार रोधी इकाई के राडार पर है। मुंबई मिरर की खबर के मुताबिक, एक खास मालिक को टूर्नामेंट से अचानक वापस भारत भेज दिया गया था। तब से इस मामले की जांच चल रही है। वह स्वामित्व समूह का यह व्यक्ति हाल ही में फ्रैंचाइजी में शामिल हुआ था। टूर्नामेंट के विभिन्न साझीदारों से बात करने के बाद जो सूचना मिली है, उसके मुताबिक, CPL के शुरुआती दौर के मुकाबलों के दौरान एंटी करप्शन यूनिट को घटना की जानकारी दी गई थी और उस मालिक को वेस्टइंडीज छोड़ने के लिए कह दिया गया था। उस मालिक का संबंध दक्षिण भारत से है। फ्रैंचाइजी के अन्य मालिकों को भी इसकी तुरंत सूचना दी गई थी।
पता चला है कि उस मालिक ने पाकिस्तान के एक खिलाड़ी से संपर्क किया था। माना जा रहा है कि इस मामले की जानकारी एसीयू के पदाधिकारियों को दी गई थी। कथित घटना कहां और कब हुई थी, इसके बारे में अलग-अलग तरह की बातें सामने आ रही हैं, लेकिन किसी के भी बारे में अभी पर्याप्त पुष्टि नहीं हो पाई है।
हालांकि, इस संबंध में जब कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) से बात करने की कोशिश की गई तो उधर से लीग की पॉलिसी का हवाला देते हुए किसी भी तरह से टिप्पणी करने इनकार कर दिया गया। CPL के प्रवक्ता ने मुंबई मिरर को बताया, ‘हम किसी भी भ्रष्टाचार-रोधी मामले के संबंध में टिप्पणी नहीं करते हैं। यही वजह है कि हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। पृष्ठभूमि और आपकी जानकारी के लिए, CPL, ICC और हमारी अपनी भ्रष्टाचार रोधी टीमें एक साथ मिलकर काम करती हैं। खिलाड़ियों और पदाधिकारियों की सभी रिपोर्टों की गहनता से जांच की जाती है।’
हालांकि, घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने मुंबई मिरर को बताया कि उन्हें घटना और जांच शुरू होने के बारे में जानकारी दी गई थी। कैरेबियन प्रीमियर लीग काफी हद तक भारतीय निवेशकों के स्वामित्व में है। इनमें सबसे बड़ा नाम शाहरुख खान का है। वे त्रिनिबागो नाइटराइडर्स के मालिक हैं। कुछ समय के लिए विजय माल्या भी बारबाडोस ट्राइडेंट्स के साथ जुड़ रहे हैं। यह लीग इस साल 4 सितंबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चली थी। पहले इसे 21 अगस्त से शुरू होना था, लेकिन भारत-वेस्टइंडीज सीरीज होने के कारण इसके कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया गया था।
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