ईएनएस। भारत खेल प्रशंसकों के लिए दिल खुश कर देने वाली खबर है। यदि सब कुछ योजनाबद्ध रहा तो 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स और 2036 के ओलंपिक खेल भारत में हो सकते हैं। खेलों के इन दो बड़े टूर्नामेंट्स के लिए नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भारत सरकार शीर्ष स्तर पर प्रयासरत है। भारत ने अक्टूबर 2024 में 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए आशय पत्र पेश किया था। अब उसने 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स के शताब्दी संस्करण की मेजबानी के लिए राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) के साथ एक अनौपचारिक बातचीत शुरू की है।
भारत 2010 राष्ट्रमंडल खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन कर चुका है। साल 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स नई दिल्ली में आयोजित किये गये थे। हालांकि, 2010 के विपरीत अब अहमदाबाद सबसे आगे निकल गया है। रेस में भुवनेश्वर भी शामिल है। पिछले हफ्ते सीजीएफ अध्यक्ष क्रिस जेनकिंस और मुख्य कार्यकारी केटी सैडलियर ने भारत के कई शहरों की यात्रा की। उन्होंने गांधीनगर, भुवनेश्वर और नई दिल्ली में राज्य और केंद्र सरकार के कई मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों से मुलाकात की।
अहमदाबाद-भुवनेश्वर का किया दौरा
क्रिस जेनकिंग्स और केटी सैडलियर ने अहमदाबाद और भुवनेश्वर में संभावित आयोजन स्थलों का भी दौरा किया। देहरादून में राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान क्रिस जेनकिंस ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा से भी मुलाकात की। पीटी उषा से मुलाकात के दौरान संभावित भारतीय बोली पर चर्चा की गई। यह जानकारी प्रक्रिया में शामिल पदाधिकारियों ने मंगलवार 4 फरवरी 2025 को द इंडियन एक्सप्रेस को दी। बता दें कि आईओए (IOA) भारत में राष्ट्रमंडल खेलों के लिए शासी निकाय के रूप में भी काम करता है।
CMO में दिया गया प्रेजेंटेशन
30 जनवरी 2025 को टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया था कि गुजरात 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए मजबूत दावेदारी कर रहा है। इसके लिए वह अहमदाबाद और गांधीनगर में चल रहे खेल बुनियादी ढांचे के निर्माण का लाभ उठा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के अध्यक्ष क्रिस जेनकिंस के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया था। जिसमें भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के पदाधिकारी भी मौजूद थे। क्रिस जेनकिंस को बताया गया है कि बोली के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) औपचारिक रूप से मार्च 2025 तक सीजीएफ को सौंप दी जाएगी।
गेम्स के लिए पहचाने गये ये स्थल
CWG 2030 प्रस्ताव बनाने से पहले राज्य सरकार ने जेनकिंस को यह भी बताया कि राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के फैक्टर्स को समझने के लिए 2018 गोल्डकोस्ट गेम्स और 2022 बर्मिंघम गेम्स की योजना, विशिष्ट उपलब्धियों और बुनियादी ढांचे पर गहन विश्लेषण किया गया। राष्ट्रमंडल खेलों के लिए स्थानों की पहचान एसवीपी एन्क्लेव (एक्वेटिक्स, मुक्केबाजी, बास्केटबॉल, जिमनास्टिक, कबड्डी), कराई स्पोर्ट्स हब (एथलेटिक्स, ट्रायथलॉन), नारनपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (बैडमिंटन, टेबल टेनिस, जूडो), स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (बीच वॉलीबॉल, माउंटेन साइक्लिंग), नरेंद्र मोदी स्टेडियम (क्रिकेट), आईआईटी गांधीनगर (रोड साइक्लिंग, हॉकी), गुजरात विश्वविद्यालय (नेटबॉल, शूटिंग), ट्रांसस्टेडिया इका एरिना (रग्बी, ई-स्पोर्ट्स, योगा), महात्मा मंदिर (भारोत्तोलन, कुश्ती) और तीरंदाजी के लिए विजयी भारत फाउंडेशन के रूप में की गई है।
अहमदाबाद-गांधीनगर में पर्याप्त संख्या में होटल और कमरे
रिपोर्ट में युवा और खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया, यह सिर्फ 2030 का राष्ट्रमंडल खेल नहीं है, बल्कि हमारे पास पहले से ही स्वीकृत या बोली प्रक्रिया में शामिल एकल और बहु-खेल आयोजनों की मेजबानी करने की भी योजनाएं हैं। इनमें 2025 में एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप और एशियाई एक्वाटिक चैंपियनशिप, विश्व कॉम्बैट गेम्स (2027, 2029), अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप (2028), एशियाई युवा खेल (2033) और विश्व पुलिस और फायर गेम्स शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अहमदाबाद और गांधीनगर में पर्याप्त संख्या में होटल और कमरे (14,192) हैं।
अहमदाबाद में 3 दिन ठहरे CGF अध्यक्ष
सीजीएफ के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा, सीजीएफ अध्यक्ष क्रिस जेनकिंस को हाल ही में भारत में राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने के लिए लिए आमंत्रित किया गया था। क्रिस जेनकिंस ने पिछले सप्ताह अहमदाबाद में 3 दिन बिताये। वहां उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राज्य के खेल मंत्री हर्ष संघवी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। बैठकों के दौरान गुजरात ने 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने और तैयारी में कई विश्व, एशियाई और राष्ट्रमंडल कार्यक्रम आयोजित करने के इरादे पर जोर दिया।

क्रिस जेनकिंस और केटी सैडलियर ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम, जल्द ही शुरू होने वाले नारनपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और ईकेए एरिना का भी दौरा किया। एक पदाधिकारी ने बताया, इसमें कोई दो राय नहीं है कि वे काफी प्रभावित हुए। यहां तैयारी ओलंपिक स्तर की है, इसलिए आयोजन स्थलों को लेकर कोई चिंता नहीं थी।
CGF को मिल नहीं खेलों के लिए मेजबान!
राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबानी हासिल करने को लेकर भारत की दिलचस्पी ऐसे समय में आई है, जब सीजीएफ को अपने प्रमुख कार्यक्रम की मेजबानी के लिए बहुत कम दावेदार मिले हैं। 2022 में डरबन को मेजबान के रूप में चुना गया था, लेकिन बाद में दक्षिण अफ्रीकी शहर ने वित्तीय कारणों का हवाला देते हुए इससे हाथ खींच लिया। इसके बाद बर्मिंघम को नया मेजबान बनाया गया।
इसी तरह, ऑस्ट्रेलियाई राज्य विक्टोरिया ने 2026 CWG की बोली जीतने के बाद मेजबानी के अधिकार छोड़ दिये। राष्ट्रमंडल के देशों में खोजबीन के बाद, ग्लासगो ने खेलों को बचाने के लिए कदम उठाया। हालांकि, पिछले संस्करणों के विपरीत, ग्लासगो CWG केवल 10-खेलों वाला इवेंट होगा, जिसमें एथलीट्स की संख्या पर कड़ी सीमा होगी ताकि इसे वहनीय बनाया जा सके।
नये खेल गांव बनाने की जरूरत नहीं
इस झटके ने सीजीएफ को नए होस्टिंग मॉडल के साथ आने के लिए मजबूर किया। अधिकारियों ने बताया, जेनकिंस और सैडलियर ने अपने भारतीय समकक्षों को यह कहकर प्रभावित किया कि नए उपायों के तहत, मेजबान शहरों को अब विशेष एथलीट गांव बनाने या नए स्थल बनाने की आवश्यकता नहीं है। भारतीय पदाधिकारियों ने अनुमान लगाया कि इससे लागत में ‘लगभग 60 प्रतिशत’ की कमी आ सकती है।
उन्होंने कहा, ‘अगले 3 से 4 वर्षों में अहमदाबाद में पहले से ही बहुत सारे स्थल तैयार हो जाएंगे। ये स्थल खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बनाए जा रहे हैं, भले ही भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए बोली जीतता हो या नहीं।’ अधिकारी ने कहा, ‘नारनपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स मार्च में तैयार हो जाएगा। नरेंद्र मोदी स्टेडियम और ईकेए एरिना पहले से ही वहां हैं। उम्मीद है कि सरदार वल्लभभाई पटेल (एसवीपी) स्पोर्ट्स एन्क्लेव और कराई में भी तब तक सुविधाएं तैयार हो जाएंगी।’