भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनना हर खिलाड़ी का सपना होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि टीम इंडिया के कुछ सबसे सफल कप्तान भी हुए हैं, जिन्होंने कॉलेज की दहलीज तक भी कदम नहीं रखा? जी हां, मैदान पर शतकों की बारिश करने वाले इन दिग्गजों ने पढ़ाई को बीच में ही अलविदा कह दिया और अपने बल्ले से इतिहास रच दिया।
सचिन तेंदुलकर से लेकर शुभमन गिल तक, कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने क्रिकेट को ही अपना करियर बना लिया और बिना कॉलेज का मुंह देखे देश का नाम रोशन किया। आइए जानते हैं उन 7 भारतीय कप्तानों के बारे में जिनके लिए क्रिकेट ही असली क्लासरूम बन गया।
सचिन तेंदुलकर
महान सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं। हालांकि, उनकी पढ़ाई की बात करें तो वह कभी कॉलेज नहीं गए। मुंबई में 24 अप्रैल 1973 को जन्में सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर में स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद 15 साल की उम्र में सीधे पेशेवर क्रिकेट में कदम रखा। उन्होंने सिर्फ 16 साल की उम्र में भारत के लिए पदार्पण किया, जिससे आगे पढ़ाई की कोई गुंजाइश नहीं बची।
उनका क्रिकेट करियर दो दशकों से भी ज्यादा समय तक चला, जिसने उन्हें दुनिया के सबसे महान खेल दिग्गजों में से एक बना दिया और वह भी बिना कॉलेज गए। सचिन तेंदुलकर ने 1996 से 2000 के बीच 25 टेस्ट और 73 वनडे इंटरनेशनल में भारतीय टीम की कमान संभाली थी।
एमएस धोनी
एमएस धोनी ने रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में कॉमर्स की डिग्री के लिए दाखिला लिया, लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाए। उनके जीवन ने एक अलग राह पकड़ जब उन्होंने भारतीय रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी ज्वाइन की। काम और क्रिकेट के बीच संतुलन बनाते के कारण कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छूट गई। आखिरकार, विकेट के पीछे उनकी असाधारण प्रतिभा ने उन्हें भारतीय टीम और क्रिकेट जगत में ‘अमर’ कर दिया। एमएस धोनी ने 2007 से 2016 के 60 टेस्ट, 200 वनडे और 72 टी20 इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की थी।
विराट कोहली
भारत के पूर्व कप्तान और आधुनिक क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली ने विशाल भारती पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। बाद में सेवियर कॉन्वेंट में दाखिला ले लिया। हालांकि, अंडर-19 विश्व कप में सफलता के बाद उनकी क्रिकेट प्रतिबद्धताएं बढ़ गईं, इसलिए उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई नहीं की।
जब तक उनके ज्यादातर साथी कॉलेज में दाखिल हुए, कोहली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्टार बनने की राह पर थे। विराट कोहली ने 2014-15 से 2021-22 के बीच 68 टेस्ट, 95 वनडे और 50 टी20 इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की थी।
वीरेंद्र सहवाग
वीरेंद्र सहवाग ने जामिया मिलिया इस्लामिया में पत्राचार पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था, लेकिन उन्होंने कभी पूर्णकालिक कॉलेज शिक्षा नहीं ली। अपनी निडर बल्लेबाजी के लिए जाने जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने बचपन से ही खुद को क्रिकेट के लिए समर्पित कर दिया।
उनकी विस्फोटक शैली और नेचुरल टैलेंट ने उन्हें भारतीय टीम में जगह दिलाई, जहां वह खेल के इतिहास के सबसे विस्फोटक सलामी बल्लेबाजों में से एक बन गए। वीरेंद्र सहवाग ने 2005 से 2012 के बीच 4 टेस्ट, 12 वनडे और एक टी20 इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की थी।
शिखर धवन
शिखर धवन ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के सेंट मार्क्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की, लेकिन कॉलेज नहीं गए। वह पहले से ही आयु वर्ग के क्रिकेट में अपनी पहचान बना रहे थे। बाद में अंडर-19 विश्व कप में स्टार बन गए। अपनी क्रिकेट की आकांक्षाओं के प्रति पूरी तरह समर्पित होने के कारण, औपचारिक शिक्षा पीछे छूट गई।
बतौर सलामी बल्लेबाज उनकी निरंतरता और प्रतिभा ने उन्हें भारत की सीमित ओवरों की टीमों में नियमित बना दिया। शिखर धवन ने 2021 से 2022 के बीच 12 वनडे और 3 टी20 इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की थी।
हार्दिक पंड्या
हार्दिक पांड्या ने 9वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया और कभी कॉलेज नहीं गए। आर्थिक रूप से संघर्षरत परिवार से होने के कारण, उन्होंने अपना पूरा ध्यान क्रिकेट पर केंद्रित किया। हार्दिक पंड्या ने अपने बड़े भाई क्रुणाल के साथ बड़ौदा के स्थानीय मैदानों पर प्रशिक्षण लिया और अंततः आईपीएल में जगह बनाई, जहां उनके प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम में पहुंचाया।
हार्दिक पंड्या का सफर धैर्य, त्याग और सफलता का रहा है। हार्दिक पंड्या ने 2022 से 2023 के बीच तीन वनडे और 16 टी20 इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की थी।
शुभमन गिल
भारत के सबसे प्रतिभाशाली युवा बल्लेबाजों में से एक शुभमन गिल कभी कॉलेज नहीं गए। उन्होंने कम उम्र से ही पूरी तरह क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया। अंडर-19 स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और तेजी से आगे बढ़ते गए। उनके परिवार ने उनके खेल के सफर में पूरा साथ दिया।
यहां तक कि उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मोहाली में स्थानांतरित भी हो गए। किशोरावस्था में क्रिकेट के केंद्र में रहने के कारण उनकी शिक्षा पीछे छूट गई। शुभमन गिल ने 2024 से अब तक तीन टेस्ट और 5 टी20 इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की है।