किस्मत भी क्या चीज है! शैफाली वर्मा पिछले एक साल से भारतीय टीम से बाहर थीं। वह महिला वर्ल्ड कप के लिए भारत की रिजर्व खिलाड़ियों में भी नहीं थी, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ महत्वहीन मैच में फील्डिंग के दौरान प्रतिका रावल चोटिल हो गईं। इससे शैफाली के लिए अचानकर भारतीय टीम के दरवाजे खुल गए। वह रविवार (2 नवंबर) को साउथ अफ्रीका को हराकर भारत खिताब जीता तो प्लेयर ऑफ द मैच बनीं और अपने रोल मॉडल मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को प्रभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

भारतीय टीम की ओपनर शैफाली वर्मा का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था, लेकिन फाइनल में उन्होंने 87 रन की पारी खेली और 2 विकेट लिए। खिताबी मुकाबले से पहले शैफाली को फाइनल में अपने खराब रिकॉर्ड की चिंता सता रही थी। यह बात उन्होंने अपने पिता को फोन पर बताई, जिन्होंने उनके डर को दूर किया।

पापा डर लग रहा है

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार शैफाली के पिता ने कहा, “मैं अपनी बेटी को जानता हूं। मुझे तुरंत समझ आ गया कि कुछ गड़बड़ है। जब उसने सबसे बात कर ली, तो मैंने मोबाइल लिया, दूसरे कमरे में जाकर बैठ गया और उससे पूछा कि क्या हुआ है। उसने कहा पापा डर लग रहा है, फाइनल में रिकॉर्ड अच्छा नहीं है मेरा।”

सचिन मैच देख रहे होंगे

संजीव ने कहा, “मैंने उसे उस दिन की याद दिलाई जब उसे टीम से बाहर कर दिया गया था। मैंने उससे कहा कि वह इससे भी बुरे दौर से गुजर चुकी है। वह 21 साल की है और पहले ही काफी उतार-चढ़ाव देख चुकी है। मैंने उसे उसके सफर की याद दिलाई। जब मैंने लड़कों की तरह उसके बाल काटे थे ताकि वह क्रिकेट खेल सके, जब वह पहली बार राम नारायण अकादमी गई थी। मैंने उससे कहा कि उसके ‘भगवान’ सचिन मैच देख रहे होंगे। वह शांत हो गई और जिस तरह से उसने खेला वह वाकई लाजवाब था।”

दशहरा मेले से तेंदुलकर का पोस्टर खरीदा

शैफाली ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को देखकर क्रिकेट खेलने की शुरुआत की थी। 2013 में तेंदुलकर ने रोहतक के लहाली में फर्स्ट क्लास क्रिकेट का आखिरी मैच खेला था। तब 9 साल की शैफाली ने तेंदुलकर को देखने के लिए अपने पिता संजीव से स्टेडियम चलने की जिद की। शैफाली ने एक हफ्ते पहले ही सचिन का पोस्टर दशहरा मेले से खरीदा था। तब वह टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलती थीं।

बहुत हुआ टेनिस बॉल,अब सचिन की तरह खेलना है

तेंदुलकर ने आखिरी दिन नाबाद 79 रन की पारी खेली और मुंबई जीत गया। शैफाली ने अपने पिता से कहा,” पापा, अब बहुत हुआ टेनिस बॉल,अब सचिन की तरह खेलना है।” 12 साल बाद शैफाली ने वर्ल्ड कप फाइनल में गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया और भारतीय महिला टीम पहली बार चैंपियन बनी। तब उनके हीरो सचिन तेंदुलकर वहीं मौजूद थे। उन्होंने अपने हीरो को प्रभावित करने में कोई कसर नही छोड़ी।