भारतीय टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी का मानना है कि विश्व कप जीतने के बाद हरमनप्रीत कौर को स्मृति मंधाना को कप्तानी की कमान सौंप देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि टीम के भविष्य को देखते हुए यह बदलाव जरूरी है। रंगास्वामी ने कहा कि कप्तानी छोड़ना हरमनप्रीत के लिए फायदेमंद होगा, जो अपनी बल्लेबाजी और फील्डिंग कौशल के कारण टीम की एक अमूल्य सदस्य बनी रहेंगी। हरमन की कप्तानी में भारत रविवार (2 नवंबर) को एकदिवसीय विश्व चैंपियन बना। अगला विश्व कप 2029 में होगा, जबकि टी20 विश्व कप अगले साल ब्रिटेन में होगा।

रंगास्वामी ने पीटीआई से कहा, “इसमें काफी देर हो गई है। क्योंकि हरमन एक बल्लेबाज और फील्डर के रूप में शानदार है। लेकिन रणनीतिक रूप से वह कई बार लड़खड़ा जाती हैं। मुझे लगता है कि अगर उन पर कप्तानी का बोझ न हो तो वह और अधिक योगदान दे सकती हैं। देखिए जब यह इस तरह की सफलता (विश्व कप जीत) के बाद आता है, तो इसे अच्छी तरह से नहीं लिया जाएगा, लेकिन भारतीय क्रिकेट और हरमन के अपने हित में मुझे लगता है कि वह कप्तानी के बोझ के बिना एक बल्लेबाज के रूप में बहुत अधिक योगदान दे सकती हैं। उनके पास अभी भी तीन-चार साल का बड़ा क्रिकेट बाकी है। कप्तान न होने से वह ऐसा कर पाएंगी। स्मृति को सभी प्रारूपों में कप्तान बनाया जाना चाहिए। आपको भविष्य के विश्व कप के लिए भी योजना बनाने की जरूरत है।”

गेंदबाजी चिंता का विषय

रंगास्वामी ने रोहित शर्मा का भी हवाला जिया, जिनकी कप्तानी इस साल की शुरुआत में भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी जीती, लेकिन चयनकर्ताओं ने भविष्य को देखते हुए उन्हें इस पद से हटा दिया। रंगास्वामी घरेलू सरजमीं पर टीम के खिताब जीत से बेहद खुश थीं, लेकिन उन्होंने कमजोरियों पर भी बात की। उन्होंने कहा, “हमारे जमाने में बल्लेबाजी कमजोर कड़ी हुआ करती थी। अब बल्लेबाजी तो मजबूत हो गई है, लेकिन गेंदबाजी चिंता का विषय है। फील्डिंग भी काफी बेहतर हो सकती है।”

ऑस्ट्रेलिया के पास अच्छा गेंदबाजी आक्रमण नहीं था

रंगास्वामी ने सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की सेमीफाइनल में भारत से हार का जिक्र करते हुए कहा, “ऑस्ट्रेलिया सिर्फ इसलिए हारा क्योंकि उनके पास अच्छा गेंदबाजी आक्रमण नहीं था। मैं कहूंगी कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के पास गेंदबाज आक्रमण बेहतर थे। बल्लेबाजों ने हमारे लिए काम किया।” भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 338 रनों का बचाव किया था।