भारतीय महिला क्रिकेट टीम रविवार (2 नवंबर) को साउथ अफ्रीका को हरकार वर्ल्ड चैंपियन बनी। उसने अपनी 50वीं वर्षगांठ यानी सिल्वर जुबली का जश्न इतिहास रचकर भव्यता से मनाया। महिला विश्व कप पहली बार 1973 में खेला गया था, लेकिन भारतीय टीम इसका हिस्सा पहली बार 1978 में बनी। 31 अक्टूबर 1976 को भारत ने बेंगलुरु में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आधिकारिक रूप से डेब्यू किया था। वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल उस टेस्ट मैच के खत्म होने के 49 साल बाद हुआ।

एल्बीज को भारत में एक जाने-माने महिला क्रिकेट क्लब के तौर पर जाना जाता है, जिसे 1969 में मुंबई में शुरू किया गया था। कुछ समय तक यह अकेला रहा, फिर उसे महेंद्र कुमार शर्मा का साथ मिला, जिन्होंने अपने ऑटोरिक्शा से लखनऊ में अनाउंस किया कि ‘लड़कियों का क्रिकेट मैच होगा, जरूर आएं’।

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विमेंस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया

200 लोगों के देखने के बाद महेंद्र कुमाक शर्मा को 1973 में विमेंस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WCAI) बनाने की प्रेरणा मिली, जिसने 2006 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में मर्ज होने तक देश में महिला क्रिकेट को कंट्रोल किया। अप्रैल 1973 में पहला नेशनल लेवल का कॉम्पिटिशन हुआ, लेकिन डब्ल्यूसीएआई अस्तित्व में तब आया जब भारत के पास पहले महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने के लिए काफी समय नहीं मिला, जो उसी साल जून और जुलाई में इंग्लैंड में हुआ था।

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भारत की पहली टेस्ट जीत

भारत का इंटरनेशनल डेब्यू 1976 में घरेलू सरजमीं पर हुआ। शुभांगी कुलकर्णी ने अपने देश के लिए पहला फाइव-विकेट हॉल लिया। कप्तान शांता रंगास्वामी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ ड्रॉ हुए टेस्ट की पहली पारी में 74 रन बनाकर टॉप स्कोर किया। भारत ने चौथे टेस्ट में पहली जीत हासिल की। इससे छह मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रॉ हो गई। 1978 भारत के लिए अहम रहा। जनवरी के पहले ही दिन उन्होंने वनडे में डेब्यू किया और विमेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी की।

भारत की पहली वनडे जीत

मेजबान भारत, डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच हुए इस टूर्नामेंट में टीम को एक भी जीत नहीं मिली। भारत को पहली वनडे जीत 1982 में न्यूजीलैंड में अगले वर्ल्ड कप में मिली, जिसमें उसने इंटरनेशनल XI को हराया। फिर फौजीह खलीली ने 88 रन बनाए और भारत ने इंग्लैंड को 47 रन से हराया।

1997 में पहला नॉकआउट मुकाबला खेली

भारत 1988 का वर्ल्ड कप नहीं खेल पाया था और आज की तरह मजबूत टीम बनने में उसे समय लगा। 1997 में भारत पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा। मिताली राज की कप्तानी में वह 2005 में वह पहली बार फाइनल में खेली। मजबूत ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। मिताली की ही कप्तानी में 2017 में वह ऑस्ट्रेलिया को हराकर दूसरी बार फाइनल में पहुंची, लेकिन उसे इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा। 2020 में उसे टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार मिली।

वर्ल्ड चैंपियन बनने से पहले इंग्लैंड में हासिल की बड़ी उपलब्धि

भारतीय टीम का 2022 वनडे वर्ल्ड कप में प्रदर्शन काफी खराब रहा। दिग्गज मिताली राज और झूलन गोस्वामी ने संन्यास लिया। हरमनप्रीत कौर को कप्तानी मिली। 2 नवंबर 2025 को वर्ल्ड चैंपियन बनने से पहले भारतीय टीम ने इंग्लैंड में पहली बार वनडे और टी20 सीरीज अपने नाम की। वह इंग्लैंड में पहली बार टी20 सीरीज जीती।