भारत और श्रीलंका के बीच में एशिया कप की फाइनल भिड़ंत आज होने जा रही है। दोनों ही टीमें मजबूत हैं, अपने विरोधियों को धूल चटाकर आगे बढ़ी हैं। अब उस अंतिम पड़ाव का समय आ गया है जब फैसला हो जाएगा कि एशिया का असली किंग कौन है- भारत या श्रीलंका। लेकिन किंग बनने से पहले दोनों श्रीलंका और भारत को एक तीसरे विलेन का सामना करना पड़ सकता है। कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में बारिश की 90 फीसदी संभावना है। रुक-रुक ये बारिश खेल बिगाड़ने का काम कर सकती है।
बारिश के विलेन बनने पर कौन होगा विजेता?
अब यहां ये समझना जरूरी है कि एशिया कप के इस फाइनल मुकाबले का एक रिजर्व डे पहले से रखा गया है। अगर आज यानी कि 17 सितंबर को बारिश की वजह से मैच रद्द भी हो जाता है, तो उस स्थिति में अगले दिन 18 सितंबर को मैच फिर करवाया जाएगा। कुछ दिन पहले जब भारत और पाकिस्तान के बीच में एशिया कप का पहला मैच हुआ था, तब भी बारिश ने पहले दिन मुकाबले को बीच में ही रुकवा दिया था। लेकिन फिर रिजर्व वाले दिन मैच वहीं से शुरू हुआ, जहां पहले दिन रुका था। ऐसे में फाइनल मुकाबले में भी बारिश की स्थिति में एक बार फिर वैसे ही समीकरण बन सकते हैं।
फैन्स के मन में ये सवाल जरूर आ सकता है कि अगर बारिश लगातार होती रही और दोनों ही दिन मैच खेलने का मौका नहीं मिला, तो उस स्थिति में एशिया कप का किंग कौन बनेगा? अब इसका जवाब भी एकदम स्पष्ट है। अगर बारिश ने मैच होने ही नहीं दिया तो दोनों श्रीलंका और भारत को इस एशिया कप का संयुक्त विजेता मान लिया जाएगा। वैसे अगर ऐसा होता भी है तो ये कोई नई बात नहीं रहने वाली है। असल में 2002 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भी मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच में ही था, लेकिन बारिश की वजह से दोनों ही टीमों को सयुंक्त विजेता घोषित कर दिया गया था।
कैसी होगी फाइनल मुकाबले में पिच?
वेदर कंडीशन को देखते हुए प्रेमदासा स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए चुनौती पेश करेगी। यहां बैटिंग करना बिल्कुल आसान नहीं होगा, लेकिन गेंदबाजों को खासकर स्पिनर्स को इस पिच पर मदद मिलेगी। पिच के मिजाज को देखते हुए फाइनल मैच लो स्कोरिंग रह सकता है। यहां टॉस जीतने वाला कप्तान पहले गेंदबाजी का फैसला करना पसंद करेगा।
भारत-श्रीलंका का एशिया कप वाला ट्रैक रिकॉर्ड
अब पिच तो मायने रखती ही है, इसके साथ-साथ एशिया कप में दोनों ही टीमों का कैसा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उसके भी अपने अलग मायने निकाले जा सकते हैं। असल में एशिया कप में भारत ही असली किंग है, उसने सबसे ज्यादा सात बार ये खिताब जीता है। 1984, 1988, 1990/91,1995, 2010, 2016 और 2018 में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत ने ये ट्रॉफी अपने नाम की थी। वैसे अगर भारत का ट्रैक रिकॉर्ड उत्साह बढ़ाने वाला है तो श्रीलंका का प्रदर्शन भी बताता है कि वो जीतना जानती है।
एशिया कप में अगर भारत ने सात बार बाजी मारी है, तो श्रीलंका ने भी अपने देश के लिए 6 बार ये टूर्नामेंट जीता है। श्रीलंका 1986, 1997, 2004, 2008, 2014 और 2022 में विजेता बनी थी। अब यहां एक आंकड़ा ये और है कि भारत जो सात बार एशिया कप जीता है, उसमें पांच बार तो उसने श्रीलंका को ही शिकस्त दी है।
फाइनल में भारत की सबसे बड़ी चुनौती?
फाइनल मुकाबले में भारत के पास गलती की कोई भी गुंजाइश नहीं रहने वाली है। लेकिन इस बार एशिया कप भारत को दो सबसे बड़ी चिंताएं अब तक दे चुका है। एक रविंद्र जडेजा की बैटिंग फॉर्म और दूसरा भारतीय टीम की लचर फील्डिंग। जडेजा की फॉर्म की बात करें तो गेंदबाजी से उन्होंने अपना कुछ योगदान जरूर दिया है, लेकिन उनका बल्ला अभी तक खामोश ही चल रहा है। जिस फिनिश की उनसे उम्मीद की जाती है, जिस ऑल राउंडर के रूप में उन्हें टीम में जगह दी गई है, इस एशिया कप में वो मिसिंग दिखा है। ऐसे में फाइनल में जडेजा का फॉर्म में लौटना भारत के लिए काफी जरूरी है।
इसी तरह क्रिकेट में बल्लेबाजी और गेंदबाजी से भी ज्यादा जरूरी फील्डिंग को माना जाता है। जितने रन बचाए जाते हैं, जीतने की संभावना भी उतनी ज्यादा ही रहती है। लेकिन इस बार पहले नेपाल और फिर बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए पिछले मुकाबले में कई आसान कैच छोड़ दिए गए। सूर्यकुमार यादव से लेकर तिलक वर्मा तक, उन खिलाड़ियों से भी गलती हुई जिन्हें फील्डिंग के क्षेत्र में मजबूत माना जाता है। भारत के लिए इस समय फाइनल से पहले राहत की बात ये है कि श्रीलंका के मिस्ट्री स्पिनर महीष तीक्ष्णा नहीं खेल पाएंगे।
यह है भारत और श्रीलंका की संभावित प्लेइंग इलेवन
श्रीलंका: पथुम निसांका, कुसल परेरा, कुसल मेंडिस (विकेटकीपर), सदीरा समरविक्रमा, चरिथ असलंका, धनंजय डी सिल्वा, दासुन शनाका (कप्तान), दुनिथ वेल्लालागे, प्रमोद मदुशन/दुशान हेमंथा, कासुन राजिथा, मथीशा पथिराना
भारत: रोहित शर्मा, शुभमन गिल, विराट कोहली, इशान किशन, केएल राहुल, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जड़ेजा, वॉशिंगटन सुंदर/शार्दुल ठाकुर, जसप्रित बुमराह, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज