भारत बनाम न्यूजीलैंड दूसरे टेस्ट के पहले दिन के हीरो वाशिंगटन सुंदर रहे। उन्होंने पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम पर अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की। उनके नाम से ऐसा आभास होता है कि वह ईसाई धर्म से संबंध रखते हैं। हालांकि, वह हिंदू हैं। ऐसे में बहुत से क्रिकेट प्रेमी यह जानना चाहते होंगे कि फिर उनका नाम वाशिंगटन क्यों है। वाशिंगटन सुंदर के नाम के पीछे की कहानी बहुत दिलचस्प है। यह कृतज्ञता जाहिर करने वाला एक शानदार उदाहरण है।

पुणे में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन भारत के हीरो को यह अनोखा नाम उनके पिता की बदौलत मिला। उनके पिता के लिए यह उनके उपकारकर्ता के लिए एक श्रद्धांजलि थी। यह उस समय की बात है जब भारत के इस ऑलराउंडर के पिता तमिलनाडु रणजी ट्रॉफी टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रहे थे।

संघर्ष के दिनों में वाशिंगटन सुंदर के पिता मनि सुंदर की उनके बुजुर्ग पड़ोसी ने मदद की थी। वह बुजुर्ग पड़ोसी एक खेल प्रेमी थे और सेना से रिटायर्ड हुए थे। उनका नाम पीडी वाशिंगटन था। वह मरीना ग्राउंड पर उन्हें खेलते हुए देखकर उनसे खास लगाव रखते थे।

मणि सुंदर के एक साधारण पृष्ठभूमि से होने के कारण, पीडी वाशिंगटन ने उन्हें क्रिकेट गियर खरीदकर मदद की। साथ यह भी सुनिश्चित किया कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ उन्हें अच्छी शिक्षा भी मिले। मणि सुंदर ने बताया, “वह मुझे खेलते हुए देखने आते थे और हमेशा मेरा उत्साहवर्धन करते थे। क्योंकि मैं एक साधारण पृष्ठभूमि से था, इसलिए उन्होंने सुनिश्चित किया कि मैं क्रिकेट से न चूकूं। उन्होंने मेरे लिए व्हाइट शर्ट खरीदी और हरसंभव तरीके से मदद की। उन्हें क्रिकेट इतना पसंद था कि वह चाहते थे कि मैं अपने सपने को पूरा करूं।

साल 1999 में पीडी वाशिंगटन का निधन हो गया। कुछ महीने बाद, मणि सुंदर की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया। पीडी वाशिंगटन ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा, मेरी पत्नी को प्रसव में कठिनाई हुई। लेकिन बच्चा बच गया। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार, मैंने उसके कान में भगवान का नाम ‘श्रीनिवासन’ फुसफुसाया। लेकिन मैंने उस व्यक्ति की याद में उसका नाम वाशिंगटन रखने का फैसला किया जिसने मेरे लिए इतना कुछ किया था।