IND vs AUS: मेलबर्न टेस्ट मैच की पहली पारी में भारत के युवा ऑलराउंडर नीतिश रेड्डी ने अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया। नीतिश रेड्डी की शतकीय पारी के दम पर भारत ने फॉलोआन बचा लिया और खेल के तीसरे दिन भारत का स्कोर 9 विकेट पर 359 रन तक पहुंच गया। नीतिश रेड्डी की शतकीय पारी ने सभी क्रिकेट फैंस को भावविभोर कर दिया और हर कोई उनकी पारी की तारीफ कर रहा है।
पहली पारी में अगर नीतिश ने शतक नहीं लगाया होता तो भारत की स्थिति इस मैच में काफी बुरी होती, लेकिन उन्होंने भारत की बड़ी हार को भी अपनी पारी के दम पर टाल दिया। नीतिश ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक 105 रन बना लिए थे और नाबाद थे। नीतिश ने जब मेलबर्न में अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया तब उनके पिता भी वहां मौजूद थे और उनकी आंखों में आंसू थे। यही नहीं उनकी पारी के दौरान कमेंट्री कर रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री भी रोते हुए नजर आए।
ये आंखों में आंसू वाले 100 हैं
नीतिश ने जब अपना शतक पूरा किया उस वक्त रवि शास्त्री कमेंट्री कर रहे थे और उन्होंने कहा कि ये आंखों में आंसू वाले 100 हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ नीतिश के पिताजी का नहीं मेरे खयाल से पूरा क्राउड जो यहां है सबसे आंख में आंसू होंगे। इस मैच के दूसरे दिन नीतिश ने एक छक्का और 10 चौकों की मदद से नाबाद 105 रन बनाए। नीतिश ने जब शतक पूरा किया तब मेलबर्न स्टेडियम में मौजूद तमाम दर्शकों ने ताली बजाकर उनका अभिनंदन किया। वहीं स्टेडियम में मौजूद सुनील गावस्कर ने भी खड़े होकर उनकी इस उपलब्धि पर ताली बजाई और उन्हें बधाई दी।
नीतिश के गले लगकर रोने लगे उनके पिताजी
वहीं नीतिश रेड्डी जब अपनी पारी खत्म करने के बाद होटल पहुंचे तब उनका पूरा परिवार वहां मौजूद था और उनकी मां, बहन और पिता ने उन्हें बधाई दी। नीतिश के पिता अपने बेटे के गले लगकर रोने लगे और इस बल्लेबाज ने अपने पिता का सहारा दिया। नीतिश के पिता ने कहा कि हमने इस दिन के लिए काफी मेहनत की है और टीम इंडिया का मैं धन्यवाद अदा करता हूं। आपको बता दें कि नीतिश के खेल करियर को आगे बढ़ाने के लिए उनके पिता ने नौकरी छोड़ दी थी और नियमित रूप से उन्हें प्रैक्टिस करवाते थे। नीतिश ने खुद माना है कि उनके करियर को आगे बढ़ाने में उनके पिता ने कोई कसर नहीं छोड़ी। आर्थिक रूप से तंगी झेलकर भी उनके पिता ने हर कदम पर उनकी मदद की और उनकी वजह से ही वो इस मुकाम पर हैं। नीतिश ने अपनी ये शतकीय पारी अपने पिता को समर्पित किया।