भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव जारी रहने के बावजूद, क्रिकेट कूटनीति चुपके से अपनी भूमिका निभा रही है। खबर है कि अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की उस अपील को ठुकरा दिया, जिसमें पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के बचे हुए मैचों को यूएई में आयोजित करने की मांग की गई थी। माना जा रहा है कि यह फैसला भारतीय क्रिकेट प्रशासकों के इशारे पर लिया गया।

एक क्रिकेट अधिकारी ने कहा, “जब सीमा पर हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब हम चुप नहीं रह सकते।” क्रिकबज ने पहले भी इस बात के संकेत दिए थे कि भारत की ओर से दबाव बनाया गया था, और अब ईसीबी का यह फैसला उसी दिशा में दिखाई देता है। पूर्व बीसीसीआई सचिव और वर्तमान आईसीसी चेयरमैन जय शाह की प्रतिष्ठा और यूएई के नेतृत्व व क्रिकेट बोर्ड के साथ उनके करीबी रिश्तों ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बीसीसीआई और ईसीबी के बीच संबंध हमेशा से सौहार्दपूर्ण रहे हैं, खासकर तब से जब बीसीसीआई ने जय शाह के नेतृत्व में यूएई में डेढ़ आईपीएल सीजन और 2021 टी20 विश्व कप का आयोजन किया। ईसीबी के महासचिव मुबाशिर उस्मानी, जो मूल रूप से मुंबई के हैं उन्होंने भी इन रिश्तों को और मजबूत किया है। एक ईसीबी अधिकारी ने क्रिकबज को बताया, “हम बीसीसीआई और जय भाई के आभारी हैं,” और इस मामले में भारतीय भूमिका को स्वीकार किया।

पाकिस्तान बोर्ड अपनी बची हुई आठ पीएसएल खेलों को दुबई में आयोजित करना चाहता था और इसकी सार्वजनिक घोषणा भी कर चुका था। लेकिन कुछ ही घंटों बाद उसे अपना फैसला बदलना पड़ा और लीग को स्थगित करने की घोषणा करनी पड़ी। यह स्पष्ट था कि पीएसएल में भाग लेने वाले विदेशी खिलाड़ी लीग को जारी रखने के इच्छुक नहीं थे।

पीसीबी ने बयान जारी कर कहा, “हम, पीसीबी, अपने खिलाड़ियों की मानसिक भलाई और विदेशी खिलाड़ियों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। हम उनके परिवारों की चिंताओं को भी समझते हैं, जो उन्हें जल्द से जल्द घर वापस देखना चाहते हैं।” इस बयान से साफ था कि विदेशी खिलाड़ी लीग में आगे खेलने को तैयार नहीं थे। लीग के चार लीग मैच और चार प्ले-ऑफ खेल अभी बाकी थे।

शुरुआत में पीसीबी के प्रस्ताव को स्वीकार करने के बाद, ईसीबी ने पहले दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के उपयोग की अनुमति देने से इनकार किया और फिर ऐसी अत्यधिक राशि की मांग की, जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे पीसीबी के लिए वहन करना संभव नहीं था। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते पीएसएल का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।