भारतीय पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ने अपना आखिरी मैच वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। इसके बाद उन्होंने एक भी वनडे और अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच नहीं खेला और 15 अगस्त 2020 को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से सन्यास ले लिया।
कई बार महेंद्र सिंह धोनी को अपनी पारियों में ज्यादा डॉट बॉल खेलने की वजह से क्रिकेट पंडितों की आलोचना का सामना करना पड़ा है। एक ताजा स्टैट्स के मुताबिक विश्व की बाकी टीमों के मुक़ाबले वर्ल्ड कप 2019 के बाद से भारतीय टीम का डॉट बॉल परसेंटेज सबसे कम है। पिछले दो सालों में भारत ने 20 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेले हैं और उनका डॉट बॉल परसेंटेज मात्र 44.40% है। भारत के बाद दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया है।
ऑस्ट्रेलिया का 14 मैचों में डॉट बॉल परसेंटेज मात्र 46.02% है। इस सूची में सबसे ज्यादा डॉट बॉल परसेंटेज ज़िम्बाब्वे का है। ज़िम्बाब्वे ने 9 मैच खेले हैं और उनका डॉट बॉल परसेंटेज 53,94 है। वेस्ट इंडीज ने 22 मैच खेले हैं और उनका डॉट बॉल परसेंटेज 53.66 है।
वहीं पाकिस्तान का 11 मैचों में 49.26 और बंगालदेश का 18 मैचों में 50.52 है। बता दें इस मैच में श्रीलंका को इस तरह से डकवर्थ लुईस पद्धति से 47 ओवर में 227 रन का लक्ष्य मिला। फर्नांडो (98 गेंदों पर 76 रन) और राजपक्षा (56 गेंदों पर 65 रन) ने दूसरे विकेट के लिये 109 रन जोड़े। भारतीयों ने पांच कैच छोड़े जिसका फायदा श्रीलंका को मिलना स्वाभाविक था। श्रीलंका ने 39 ओवर में सात विकेट पर 227 रन बनाये।
भारत की तरफ से पृथ्वी सॉव (49 गेंदों पर 49 रन), अपना पहला मैच खेल रहे संजू सैमसन (46 गेंदों पर 46 रन) और सूर्यकुमार यादव (37 गेंदों पर 40 रन) ने प्रभावशाली शुरुआत की लेकिन तीनों बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे। सॉव और सैमसन ने दूसरे विकेट के लिये 74 रन की साझेदारी की।
श्रीलंका की तरफ से लेग स्पिनर अकिला धनंजय (44 रन देकर तीन) और और बायें हाथ के स्पिनर प्रवीण जयविक्रमा (59 रन देकर तीन) ने भारतीय पारी समेटने में अहम भूमिका निभायी। भारतीय स्पिनरों में राहुल चाहर (54 रन देकर तीन) ने प्रभावित किया।