भारतीय क्रिकेट टीम को वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में भी हार का सामना करना पड़ा। दूसरे टी20 में गयाना के प्रॉविडेंस स्टेडियम में खेले गए इस मैच में भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी। हालांकि, शुरुआती ओवर को छोड़ दिया जाए तो पूरे मैच में यही चीज भारत के पक्ष में दिखाई दी। हार के बाद कप्तान हार्दिक पंड्या ने हार की जिम्मेदारी भारत की बल्लेबाजी पर डाल दी। हालांकि, लगता है कि वह सच से दूर भाग रहे हैं। हार्दिक ने मैच के दौरान कई हैरान करने वाले फैसले लिए।

भारत को मिला था 153 रन का लक्ष्य

मैच में वेस्टइंडीज को जीत के लिए 153 रन का लक्ष्य मिला था। टी20 इंटरनेशनल के हिसाब से यह बहुत ज्यादा नहीं था, लेकिन 16वें ओवर में जिस तरह से वेस्टइंडीज ने 3 विकेट गंवा दिए थे। उस समय वेस्टइंडीज के हाथ से मैच निकलता दिख रहा था। वेस्टइंडीज का स्कोर 14 ओवर में 5 विकेट पर 126 रन था। उसे जीत के लिए 36 गेंद में 27 रन चाहिए थे।

रवि बिश्नोई ने अपने चौथे ओवर में दिया सिर्फ 1 रन

हार्दिक ने 15वें ओवर के लिए स्पिनर रवि बिश्नोई को गेंद थमाई। रवि बिश्नोई ने अपने इस ओवर में सिर्फ एक रन दिया। वेस्टइंडीज की ओर से क्रीज पर शिमरोन हेटमायर और रोमारियो शेफर्ड थे। हेटमायर को रवि बिश्नोई की गेंदें पढ़ने में कठिनाई हो रही थी। वह एक बार बीट भी हुए।

युजवेंद्र चहल के ओवर में गिरे 3 विकेट

इसके बाद युजवेंद्र चहल ने 16वां ओवर फेंका। चहल की पहली गेंद पर रोमारियो शेफर्ड रन आउट हो गए। चौथी गेंद पर जेसन होल्डर स्टम्प हो गए। आखिरी गेंद पर शिमरोन हेटमायर एलबीडब्ल्यू हो गए। अब वेस्टइंडीज के पास बल्लेबाजी को लेकर अकील होसेन को छोड़कर बहुत ज्यादा विकल्प नहीं थे। मुकेश कुमार 17वां ओवर लेकर आए। उन्होंने भी इस ओवर में सिर्फ 3 रन दिए।

भारत के पक्ष में झुक गया था पलड़ा

अब वेस्टइंडीज का स्कोर 17 ओवर में 8 विकेट पर 132 रन था। उसे जीत के लिए 18 गेंद में 21 रन बनाने थे। पलड़ा भारत के पक्ष में झुका हुआ था, लेकिन हार्दिक ने युजवेंद्र चहल की जगह गेंद अर्शदीप सिंह को थमा दी। अकील होसेन ने उनकी पहली ही गेंद पर चौका जड़कर गेंद और लक्ष्य को बराबर पर ला दिया। इस ओवर से वेस्टइंडीज के खाते में 9 रन आए। अब उसे 12 गेंद में 12 रन चाहिए थे।

19वें ओवर में अल्जारी जोसेफ ने जड़ा छक्का

19वें ओवर में मुकेश कुमार की दूसरी गेंद पर अल्जारी जोसेफ ने छक्का जड़कर वेस्टइंडीज के खेमे में खुशी की लहर दौड़ा दी। पांचवीं गेंद पर अकील ने चौका लगाकर टीम की झोली में जीत डाल दी। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि हार्दिक ने चहल की जगह अर्शदीप सिंह को गेंद क्यों थमाई। वह भी तब जब चहल के 4 ओवर का कोटा पूरा नहीं हुआ था और उन्होंने अपने पिछले ओवर में सिर्फ 2 रन दिए थे।

हार्दिक ने अक्षर से नहीं कराई गेंदबाजी

यही नहीं, हार्दिक पंड्या ने ऑलराउंडर अक्षर पटेल से एक भी ओवर गेंदबाजी नहीं कराई। टीम मैनेजमेंट ने क्या सिर्फ उन्हें बल्लेबाजी की भूमिका के लिए ही प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाया है। चहल ने 3 ओवर में 19 रन देकर 2 विकेट लिए। रवि बिश्नोई ने 4 ओवर में 31 रन दिए। वह भले ही कोई विकेट नहीं ले पाए, लेकिन अन्य तीनों तेज गेंदबाजों (हार्दिक पंड्या, अर्शदीप सिंह और मुकेश कुमार) से किफायती रहे।

तेज गेंदबाजों से किफायते रहे चहल और बिश्नोई

हार्दिक पंड्या ने 4 ओवर में 35, अर्शदीप ने 4 ओवर में 34 और मुकेश ने 3.5 ओवर में 35 रन दिए। साफ है कि वेस्टइंडीज के बल्लेबाज स्पिनर्स के मुकाबले तेज गेंदबाजों का आसानी से खेल पा रहे थे। ऐसे में हार्दिक पंड्या को अर्शदीप और मुकेश से ज्यादा अक्षर या चहल पर भरोसा करना चाहिए था। बता दें कि वेस्टइंडीज ने 4 गेंद और 2 रन के भीतर 2 विकेट गंवा दिए थे।

बेहद खराब रही थी वेस्टइंडीज की शुरुआत

इसके बाद काइल मेयर्स ने आउट होने से पहले निकोलस पूरन के साथ मिलकर 3.3 ओवर तक स्कोर 32 रन पहुंचा दिया। कप्तान रोवमैन पॉवेल ने भी तेजी से रन बटोरे। शिमरोन हेटमायर भी भारतीय तेज गेंदबाजों के खिलाफ खुलकर खेले। उनके एक समय 14 गेंद में 20 रन थे, लेकिन इसके बाद रवि बिश्नोई और चहल के आने पर वह अगली 8 गेंद में सिर्फ 2 रन ही बना पाए।