मोहम्मद शमी ने सेंचुरियन टेस्ट के तीसरे दिन यानी 28 दिसंबर 2021 को इतिहास रचा। वह सबसे कम गेंदों में 200 टेस्ट विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बने। उन्होंने इस मामले में रविचंद्रन अश्विन का रिकॉर्ड तोड़ा। शमी ने 200 विकेट लेने के लिए 9896 गेंदें फेंकी। अश्विन ने 10248वीं गेंद पर अपना 200वां टेस्ट विकेट हासिल किया था।

इतिहास रचने के बाद उन्होंने आसमान की ओर देखते हुए जश्न मनाया था। बाद में बीसीसीआई टीवी को दिए इंटरव्यू में वह पिता को यादकर भावुक हो गए। उन्होंने 200 विकेट हासिल करने की उपलब्धि दिवंगत पिता को समर्पित की। शमी ने कहा, ‘आज मैं जो कुछ हूं वह अपने पिता की वजह से हूं। मैं उस इलाके से संबंध रखता हूं जहां आज भी क्रिकेट की ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं।’

उन्होंने कहा, ‘पांच विकेट लेना एक स्पेशल बात है। इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। मेरे पिता मुझे 30 किलोमीटर साइकिल चलाकर एकेडमी ले जाते थे। उनका वह त्याग मुझे आज भी याद है।’ शमी ने टीम इंडिया के बॉलिंग कोच पारस महाम्ब्रे से कहा, ‘सेंचुरियन में आखिरी बार 4 विकेट लिए थे, एक विकेट रह गया था। इस बार यही कोशिश थी कि 5 भी हो जाएंगे और 200 विकेट भी हो जाएंगे।’

शमी ने कहा, ‘200 क्लब में पहुंचकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। देश के लिए खेल-खेलकर जो अचीवमेंट हासिल होती है, उसकी खुशी अलग होती है।’ शमी ने कहा, ‘उम्मीद करता हूं कि आने वाले मैचों में भी अच्छा परफॉर्म कर पाऊं।’

पारस महाम्ब्रे ने शमी से पूछा, ‘200वां विकेट लेने के दौरान बिल्कुल अलग तरह से सेलिब्रेशन किया था, आपको पहले कभी ऐसे नहीं देखा था, उस समय दिमाग में क्या चल रहा था।’ इस पर शमी ने कहा, ‘वह विशेषकर पिता के लिए था। वह अब नहीं हैं। मेरी सफलता का क्रेडिट उनको जाता है।’ यह कहते कहते शमी काफी भावुक दिखे। पूरा वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

मोहम्मद शमी 200 टेस्ट विकेट तक पहुंचने वाले तीसरे सबसे तेज भारतीय तेज गेंदबाज हैं। उनसे आगे अब कपिल देव और जवागल श्रीनाथ हैं। शमी ने इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए 55 टेस्ट मैच खेले।

कपिल देव ने 50 और जवागल श्रीनाथ ने 54 टेस्ट मैच में यह उपलब्धि हासिल कर ली थी। शमी 200 टेस्ट विकेट लेने वाले 5वें भारतीय तेज गेंदबाज हैं। उनसे पहले कपिल देव (434), जहीर खान (311), इशांत शर्मा (311), जवागल श्रीनाथ (236) ने ही यह उपलब्धि हासिल की है।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में किसान के घर में जन्में शमी बचपन से ही क्रिकेट खेलने के शौकीन थे। उनके पिता ने जब अपने बेटे को तेज गेंदबाजी करते देखा तो वह बेटे के कायल हो गए। शमी जब 15 साल के थे तो पिता ने उन्हें मुरादाबाद क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए भेजा।

https://www.bcci.tv/videos/5555832/centurion-special—paras-mhambrey-interviews-sensational-shami

कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी भी शमी की तेजतर्रार गेंदों को देख दंग रह गए। वह शमी को यूपी की अंडर-19 क्रिकेट टीम ट्रायल में ले गए। शमी का चयन नहीं हुआ। इसके बाद बदरुद्दीन ने उन्हें कोलकाता जाने की सलाह दी।

शमी की शानदार गेंदबाजी पर दानिश कनेरिया ने किया पोस्ट (सोर्स- Koo @kan_261)

शमी कोलकाता के डलहौजी क्लब से खेलने लगे। वहां बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारी ने उन्हें गेंदबाजी करते देखा। शमी को मोहन बागान क्लब भेजा गया जहां सौरव गांगुली ने उनकी गेंदबाजी देखी। गांगुली ने शमी का टैलेंट पहचाना। उन्होंने सेलेक्टर्स को शमी पर खास नजर रखने के लिए कहा। इसके बाद शमी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।