भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन वनडे की सीरीज की शुरुआत गुरुवार यानी 12 मार्च से हुई। सीरीज का पहला मैच धर्मशाला में बारिश के कारण रद्द हो गया। दूसरा मुकाबला 15 मार्च को लखनऊ और तीसरा मैच 18 मार्च को कोलकाता में खेला जाएगा। इस सीरीज में भारत के तीन चोटिल खिलाड़ियों की टीम में वापसी हुई। ओपनर शिखर धवन, तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को टीम में शामिल किया गया। पंड्या लगभग 6 महीने बाद टीम इंडिया के सदस्य बने।
हार्दिक ने वापसी के बाद मुश्किल समय को याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं चोट से ठीक नहीं हो पा रहा था तब मानसिक रूप से काफी दबाव में आ गया था।’’ हार्दिक को पिछले साल अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ही टी20 सीरीज में पीठ में चोट लगी थी। इसके बाद वे छह महीने तक टीम इंडिया से दूर रहे। पंड्या पिछली बार वनडे मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में खेले थे। तब टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था।
हार्दिक ने कहा, ‘‘सबसे पहले मैंने छह महीनों में सबसे ज्यादा यह माहौल, इस कपड़े (टीम इंडिया की जर्सी) को पहनकर जो अहसास होता है और ड्रेसिंग रूम को बहुत मिस किया। बहुत सारी रूकावटें से मानसिक चुनौती हो जाती हैं। मैं कोशिश कर रहा था कि जल्दी फिट हो जाऊं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था तो मैं दबाव में आ गया था। बाद में सब कुछ ठीक हो गया। रिहैब अच्छा हुआ। काफी लोगों ने मदद की।’’
हार्दिक नेशनल क्रिकेट एकेडमी में रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया पूरी करने बाद मुंबई में एक लोकल टूर्नामेंट खेलने गए। डीवाई पाटिल स्टेडियम में उन्होंने 55 गेंद पर 158 रन बना डाले। इस दौरान 2 छक्के लगाए। हार्दिक ने खुलासा किया कि हर शॉट के बाद उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा था। उन्होंने टूर्नामेंट में दो शतक लगाए। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने खेलना जारी रखा। मेरे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती रही और छक्के भी लगते रहे। मैंने सोचा कि अगर छक्के लग रहे हैं तो मुझे रूकना नहीं चाहिए और मैं लगाता गया।’’