भारत और न्यूजीलैंड के बीच दो मैच की सीरीज का पहला टेस्ट 25 नवंबर से कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में खेला जाना है। ग्रीन पार्क स्टेडियम में टहलना आपके होश उड़ा देने वाला जैसा है। यह सबसे पहले कानों पर पड़ता है, रबर के हॉर्न की चीख, ई-रिक्शा में लाउडस्पीकर से बजने वाले गाने, बिल्कुल ग्रीनपार्क स्टेडियम की तरह ही, न तो बहुत पुरानी दुनिया और न ही बेहद आधुनिक।
विरोधाभास ग्रीनपार्क स्टेडियम के अंदर भी स्पष्ट है। एक आधा छत वाला है, दूसरा खुला है और बिना सीटों के है। जब हवा चलती है, तो आप चिनार के पेड़ों को हिलते हुए देख सकते हैं। कुछ लोगों को डर है कि आधुनिकता स्टेडियम की आत्मा को नष्ट कर देगी और इसकी गौरवशाली विरासत हमेशा के लिए खो जाएगी।
कुछ अन्य लोगों को लगता है कि आत्मा को एक अलग शरीर की आवश्यकता है। वे अक्सर लाल इमली बिल्डिंग और एल्गिन मिल्स के साथ तुलना करते हैं। इन्हीं कारखानों के कारण ग्रीनपार्क के एक बॉलिंग एंड को मिल्स एंड का नाम मिला है।
पूर्व क्रिकेटर और प्रथम श्रेणी अंपायर सुनील चतुर्वेदी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहते हैं, ‘कोई सेल्फी नहीं, कोई कैमरा नहीं, लेकिन हमारे पास जो यादें हैं, वे उच्चतम रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरों की तरह स्पष्ट और सुंदर हैं।’ उनके जेहन में कानपुर की गर्म दोपहर और नाराज सुनील गावस्कर की याद अब भी ताजा हैं।
सुनील बताते हैं, ‘मैं और मेरे दोस्त शशिकांत खांडेकर बाउंड्री के पास एक शामियाने से मैच देख रहे थे। भारत और इंग्लैंड की क्रिकेट टीमें एक दूसरे को पटखनी देने की कोशिश में लगी थीं। इस बीच, सुनील गावस्कर अपने जीजा गुंडप्पा विश्वनाथ के साथ 180 गेंद में 52 रन बनाकर रन आउट हो गए।’

वह कहते हैं, ‘गावस्कर ने गेंद को मिड-ऑन की ओर खेला और रन के लिए दौड़ पड़े। हालांकि, गुंडप्पा विश्वनाथ उर्फ विशी ने कुछ कदम बढ़ाए, लेकिन फिर अपनी क्रीज पर लौट गए। इस बीच, इयान बॉथम का थ्रो बिल्कुल निशाने पर लगा और सुनील गावस्कर रन आउट हो गए।’
सुनील चतुर्वेदी बताते हैं कि इस तरह रन आउट होने से सुनील गावस्कर बहुत गुस्से में थे। वह कहते हैं, ‘मैं चुपके से उनके पीछे-पीछे ड्रेसिंग रूम में चला गया। वहां वह एक कोने में बैठकर मन ही मन बड़बड़ा रहे थे।’
सुनील ने बताया, ‘मैं दीवार के पास छिप गया और उनकी बातें सुनी। वह अपने आप से बात कर रहे थे। वह कह रहे थे, मैं बाउंड्री हिटर नहीं हूं, मैं एक मामूली बल्लेबाज हूं, जो बहुत सारे सिंगल लेता है। कृपया मेरे लिए एक रन तो दौड़ें।’ सुनील ने बताया, ‘यह कुछ मिनट तक चला और उसके बाद उन्होंने अपना ध्यान हटाया और बाहर जाकर साथी क्रिकेटर्स के साथ बैठ गए।’
