बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के चौथे दिन भारत के विकेटकीपर ऋषभ पंत को युवा बल्लेबाज सरफराज खान ने गजब अंदाज में रन आउट से बचाया। पंत को रोकने के लिए सरफराज कूदने और चिल्लाने लगे। सरफराज खान की सूझबूझ और थोड़ी किस्मत की बदौलत पंत लगभग रन आउट होने से बाल-बाल बच गए। सरफराज को कूदते देखकर पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेटर जावेद मियांदाद की याद आ गई।
1992 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान विकेटकीपर किरन मोरे के बार-बार अपील करने से झल्लाए जावेद मियांदाद मेंढक की तरह कूदने लगे थे। पहले मियांदाद ने अंपायर डेविड शेफर्ड से मोरे की शिकायत की, लेकिन भारतीय विकेटकीपर पीछे नहीं हटे। उसी ओवर में मोरे ने रन आउट की कोशिश में बेल्स गिरा दी, जबकि मियांदाद क्रीज के अंदर थे। इसके बाद वह मेंढक की तरह कूदने लगे थे। हालांकि, कारण दूसरा था, लेकिन सरफराज भी ऐसे ही उछलते दिखे।
सरफराज ने यूं पंत को रोकने की कोशिश की
बेंगलुरु टेस्ट की बात करें तो मामला भारत की पारी के 65वें ओवर का है। तब भारत का स्कोर 270/3 था और वह न्यूजीलैंड से 86 रन पीछे था। सरफराज खान ने भारत की पारी को आगे बढ़ाते हुए तेज पारी खेली। उन्होंने मैट हेनरी की गेंद को डीप बैकवर्ड पॉइंट की ओर कट किया। 11 रन पर बल्लेबाजी कर रहे पंत दूसरे रन के लिए भागे। इस बीच, नॉन-स्ट्राइकर छोर की ओर दौड़ रहे सरफराज को तुरंत एहसास हुआ कि अतिरिक्त रन का कोई मौका नहीं है। सरफराज ने उछलते हुए और अपनी बाहें लहराते हुए पंत को रोकने की कोशिश की।
पंत रन आउट से बचे
सरफराज के चिल्लाने और कूदने के बावजूद, पंत गेंद को देखते रहे और आधे रास्ते पहुंच गए। न्यूजीलैंड के विकेटकीपर टॉम ब्लंडेल ने जल्दी से गेंद को पकड़ा और ऐसा लगा कि रन आउट का मौका मिल गया है। हालांकि, ब्लंडेल ने थ्रो की उछाल का गलत अनुमान लगाया। जब वह स्टंप पर अंडरआर्म फ्लिक के लिए गेंद को पकड़ने के लिए आगे बढ़े तो वे लड़खड़ा गए। इससे पंत रन आउट से बच गए।