ऐन मौके पर स्टार खिलाड़ियों के बल्ले खामोश रहे, गेंदबाजों को लय नहीं मिली और आईसीसी (ICC) टूर्नामेंट्स में बड़े मैच हारने का भारत का सिलसिला जारी रहा। टी20 विश्व कप 2022 के दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट की हार ने टीम इंडिया का 11 साल बाद आईसीसी खिताब जीतने का सपना और दुनिया भर में फैले करोड़ों भारतीय फैंस के दिल तोड़ दिए।

इंग्लैंड ने टॉस जीता और गेंदबाजी का फैसला किया। भारत ने 20 ओवर में 6 विकेट पर 168 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड ने 16 ओवर में बिना विकेट खोए 170 रन बनाकर फाइनल में जगह बनाई। इंग्लैंड की बल्लेबाजी के दौरान भारतीय टीम एक बार भी संघर्ष करती नहीं दिखी। ग्रुप चरण में शीर्ष रहने वाली टीम इंडिया का 10 नवंबर 2022 को कोई दांव नहीं चला। ऐसा नहीं था कि भारत ने इंग्लैंड को लक्ष्य छोटा दिया था, लेकिन कुछ गलतियां कप्तान रोहित शर्मा को भारी पड़ गईं।

भारतीय शीर्ष क्रम फिर टीम को अच्छी शुरुआत देने में सफल नहीं हो पाया। केएल राहुल सिर्फ 5 रन बनाकर ही आउट हो गए। रोहित शर्मा ने 4 चौके की मदद से 27 के स्कोर पर आउट हुए, लेकिन 28 गेंद की अपनी पारी के दौरान वह रन के लिए जूझते नजर आए। टी20 विश्व कप 2022 में भारतीय ओपनर्स यानी रोहित शर्मा और केएल राहुल ने 65% डॉट गेंदें खेलीं हैं।

प्रति ओवर रन बनाने के मामले में सबसे फिसड्डी रहे भारतीय ओपनर

पावरप्ले में भारत की बल्लेबाजी टूर्नामेंट में सबसे खराब रही। टी20 विश्व कप 2022 में सुपर-12 से अब तक के मुकाबलों की बात करें तो ओपनिंग जोड़ी के प्रति ओवर रन बनाने के मामले में भारत का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इंग्लैंड की टीम इस मामले में दूसरे नंबर पर रही। इंग्लैंड की ओपनिंग जोड़ी ने 9.25 की दर से रन बनाए, जबकि भारतीय ओपनर्स 4.98 की औसत से ही ऐसा कर पाए।

भारतीय बल्लेबाजों ने 7 ओवर डॉट खेले

इंग्लैंड के खिलाफ मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने 42 गेंदें डॉट खेलीं। मतलब भारतीय बल्लेबाज सात ओवर में एक भी रन नहीं बना पाए। यह साबित करता है कि टीम इंडिया किस कदर दबाव में थी। इंग्लैंड के खिलाफ विराट कोहली ने अर्धशतक बनाकर इतिहास जरूर रचा, लेकिन पिछले मुकाबलों जैसा उनके बल्ले में तेवर नजर नहीं आया। नए मिस्टर 360 डिग्री बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव भी अपनी चमक बिखरेने में नाकाम रहे। वह 10 गेंद में 14 रन ही बना पाए।

कलाई के स्पिनर पर नहीं किया भरोसा

इंग्लैंड के खिलाफ युजवेंद्र चहल को प्लेइंग इलेवन में नहीं रखने का फैसला भी भारत को भारी पड़ा। भारत ने टी20 विश्व कप में 6 मैच खेले (सुपर 12 में 5 और 1 सेमीफाइनल)। इनमें से किसी भी मैच में 15 सदस्यीय टीम में मौजूद एकमात्र कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल का इस्तेमाल नहीं किया गया। टीम मैनेजमेंट ने इसके बजाय रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल पर भरोसा जताया। टी20 क्रिकेट का इतिहास बताता है कि कलाई के स्पिनर इस फॉर्मेट में विकेट लेने का बेहतर विकल्प साबित हुए हैं।

उम्रदराज स्टार्स पर अधिक निर्भरता

कप्तान रोहित शर्मा पहले से ही 35 साल के हैं। विराट कोहली भी 34 साल के हो गए हैं। सूर्यकुमार यादव 32 वर्ष के हैं। टूर्नामेंट में भारत के लिए ‘फिनिशर’ दिनेश कार्तिक 37 साल के हैं। मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार दोनों 32-32 साल के हैं। कोहली और सूर्यकुमार को छोड़कर, इनमें से किसी भी खिलाड़ी ने टूर्नामेंट में उस स्तर का प्रदर्शन नहीं किया, जिसकी उनसे उम्मीद की गई थी।