IND vs ENG: भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन बल्लेबाजी के दौरान क्रिस वोक्स की गेंद पर चोटिल हो गए। पंत की चोट गंभीर थी और इसके बाद उन्हें 6 सप्ताह तक आराम करने की सलाह दी गई है। भारतीय टीम पहले से ही मुश्किल में थी क्योंकि नितीश कुमार रेड्डी, आकाशदीप जैसे खिलाड़ी इंजरी की वजह से पहले ही टीम से बाहर हो गए थे और अब पंत के चोटिल होने से समस्या और गंभीर हो गई।
वैसे बीसीसीआई ने बताया कि पंत विकेटकीपिंग तो नहीं करेंगे, लेकिन वो जरूरत पड़ने पर बैटिंग के लिए मैदान पर उतर सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि पांव में चोट लगने के बाद पंत अगर बैटिंग के लिए आते भी हैं तो वो टीम का कितना साथ दे पाएंगे। वो रन लेने के लिए दौड़ नहीं पाएंगे साथ ही बैटिंग के लिए पांव का मूवमेंट जरूरी होता और चोट लगने की स्थिति में उनकी बल्लेबाजी भी बुरी तरह से प्रभावित होगी।
10 बल्लेबाजों के साथ कैसे जीतेगा भारत
पंत के चोटिल होने का सबसे ज्यादा असर चौथे टेस्ट मैच पर पड़ेगा और अगर वो बैटिंग नहीं करते हैं तो टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ सिर्फ 10 बल्लेबाजों के साथ ही खेलना होगा। हालांकि ऋषभ पंत की जगह टीम में ध्रुव जुरेल जरूर आएंगे, लेकिन वो सिर्फ विकेटकीपिंग ही करेंगे। आईसीसी के नियम के मुताबिक रिप्लेसमेंट के तौर पर आया खिलाड़ी सिर्फ कीपिंग कर सकता है, वो बैटिंग नहीं कर सकता। यानी भारत 10 बल्लेबाजों के साथ मैनचेस्टर टेस्ट कैसे जीत पाएगा ये कप्तान शुभमन गिल के लिए बड़ी चुनौती होगी।
ऋषभ पंत का चोटिल होना भारत के लिए बड़ा झटका
ऋषभ पंत वो बल्लेबाज हैं जो मैच को पलटने का दम रखते हैं और इंग्लैंड के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की 7 पारियों में उन्होंने कमाल की बल्लेबाजी टीम के लिए की है। चौथे टेस्ट मैच में जब वो इंजरी की वजह से मैदान से बाहर गए उस वक्त वो 48 गेंदों पर एक छक्का और 2 चौकों की मदद से 38 रन बना चुके थे और पूरी तरह से लय में नजर आ रहे थे। उनका चोटिल होना और वो जिस तरह की फॉर्म में इस वक्त थे वो टीम इंडिया के लिए बहुत ही बड़ा झटका है।
7 पारियों में पंत ने बनाए 462 रन
पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ 4 मैचों की 7 पारियों में भारत के लिए कुल 462 रन (खबर लिखे जाने तक) बनाए। इस दौरान उनका औसत 77.00 रहा साथ ही उनके बल्ले से 2 शतक और 2 अर्धशतक निकले। पंत का बेस्ट स्कोर इस सीरीज में 134 रन रहा और उन्होंने 48 चौके और 16 छक्के इन 7 पारियों में लगाए। इस दौरान वो एक बार नाबाद रहे और 462 रन बनाने के लिए उन्होंने 590 गेंदों का सामना किया।