भारतीय क्रिकेट टेस्ट टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। वह पिछली 10 पारियों में 20 के औसत से 200 रन ही बना पाए हैं। इसमें से वह सिर्फ एक बार ही 50 से ज्यादा का स्कोर कर पाए हैं। वह 3 बार दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए हैं।

उन्होंने इस दौरान 27, 49, 15, 5, 1, 61, 18, 10, 14 और शून्य रन बनाए हैं। हालांकि, टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने अजिंक्य रहाणे का बचाव किया है। उनका कहना है कि अभी वह समय नहीं आया कि उनके फॉर्म को लेकर चिंता करनी पड़े। वह सिर्फ एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। रहाणे की नजर में उनकी फॉर्म चिंता का विषय नहीं है। उनके बयान से साफ संकेत है कि टीम इंडिया मैनेजमेंट पांचवें टेस्ट में भी उन्हें प्लेइंग इलेवन में बनाए रखेगा।

राठौड़ का कहना है कि जो भी बल्लेबाज लंबे समय तक क्रिकेट खेलता है उसके करियर में ऐसा दौर आता ही है। विक्रम राठौड़ ने रविवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘इतने लंबे समय तक क्रिकेट खेलने के बाद ऐसा दौर भी आता है कि रन नहीं बनते हैं। ऐसे समय में एक टीम के रूप में हमें उनका समर्थन करने की जरूरत है।’

उन्होंने कहा, ‘हमने चेतेश्वर पुजारा को भी देखा। उन्हें पूरे मौके दिये गए। उन्होंने वापसी की और हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। उम्मीद है कि अजिंक्य भी जल्दी ही फॉर्म में लौटेंगे। वह अब भी भारतीय बल्लेबाजी का अहम अंग है। मुझे नहीं लगता कि वह समय आया है कि हमें उनके फॉर्म को लेकर चिंता करनी पड़े।’

यह पूछने पर कि क्या रहाणे को कोई तकनीकी समस्या या मानसिक दिक्कत आ रही है, राठौड़ ने कहा, ‘जब आप इतनी अहम सीरीज खेल रहे हों, बल्लेबाजों के लिए कठिन हालात में खेल रहे हों, सामने इतना अनुशासित गेंदबाजी आक्रमण हो तो एक बल्लेबाजी इकाई के तौर पर तकनीक के बारे में हम नहीं सोचते।’

उन्होंने कहा कि कोच रवि शास्त्री के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के कारण चौथे टेस्ट के चौथे दिन टीम की एकाग्रता टूटी थी। उन्होंने कहा,‘हमें उनकी कमी खल रही है। रवि भाई, बी अरुण और आर श्रीधर इस टीम का अहम हिस्सा हैं। पिछले 5-6 साल में टीम ने जो शानदार प्रदर्शन किया है, उसमें उनका योगदान रहा है।’