लीड्स में शुक्रवार (20 जून) से इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट में भारत के लिए साई सुदर्शन को डेब्यू का मौका मिला। वह भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले 317वें खिलाड़ी हैं। वह बल्लेबाजी कम्र में सबसे अहम स्थान नंबर 3 पर खेलते दिखेंगे। साई से पहले दिग्गज राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज इस पोजिशन पर खेले हैं। एक ने वॉल और दूसरे ने मॉडर्न डे वॉल जैसी ख्याति हासिल की।

IND vs ENG 1st Test LIVE Score: Watch Here

साई के सफर की शुरुआत रिजेक्शन से हुई। खिलाड़ी रहे माता-पिता ने बेटे को इस रिजेक्शन से उबरने और भारतीय टेस्ट टीम तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई। दिसंबर 2019 में साई सुदर्शन को तमिलनाडु की अंडर-19 टीम से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद वह रो पड़े थे। वह शारीरिक रूप से फिट नहीं थे। इसे स्वीकार करते हुए उन्होंने अपनी पीड़ा को एक फिट और मजबूत खिलाड़ी बनने की दिशा में काम करने में लगा दिया।

वॉलीबॉल खिलाड़ी रहीं मां

साई ने अगले वर्ष की शुरुआत में अपनी मां उषा भारद्वाज के साथ ट्रेनिंग की शुरुआत की, जो एक स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच हैं। वह कभी तमिलनाडु के लिए वॉलीबॉल खिलाड़ी हुआ करती थीं। साई के पिता आर भारद्वाज ट्रैक एंड फील्ड के पूर्व एथलीट है। उन्होंने 1993 में ढाका में साउथ एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह साई के रनिंग और ग्राउंड ट्रेनिंग का ध्यान रखते थे।

माता-पिता की मेहनत

इसके बारे में उनकी मां ईएसपीएनक्रिकइंफो से बताते हुए कहती हैं, “कोविड महामारी के दौरान हमने साथ में ट्रेनिंग लेना शुरू किया। मैंने उसकी स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग का ख्याल रखा, जबकि मेरे पति ने रनिंग और ग्राउंड ट्रेनिंग का ख्याल रखा। हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि उसके पास स्ट्रेंथ और एंड्यूरेंस हो, जो फिटनेस का आधार है। अगर आपके पास दोनों हैं, तो आप किसी भी खेल को खेलने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। फ्लैक्सबिलटी भी महत्वपूर्ण है।”

भाई का भी योगदान

उषा ने कहा, “कोविड के कारण हम सभी को घर के अंदर रहना पड़ा और फिटनेस हमारे लिए एक पारिवारिक गतिविधि बन गई। साई सुदर्शन को इसकी आदत लग गई और मैंने उसे विराट कोहली के वीडियो भी दिखाए, जिससे उसे प्रेरणा मिली और वह और अधिक फिट और मजबूत बनने के लिए प्रोत्साहित हुआ। उसका भाई भी नेट्स पर खूब गेंद फेंकता था। वह पुश-अप करता था और फिर साई सुदर्शन को इसे करने के लिए चुनौती देता था।”

साई सुदर्शन का जुनून

इसके बाद से, साई सुदर्शन पर खुद को बेहतर बनाने और विकसित होने का जुनून आ गया। चेन्नई में टर्निंग विकेट पर खेलते हुए बड़े होने के कारण वह हमेशा स्पिन के खिलाफ अच्छे थे, लेकिन तेज गेंदबाजी के खिलाफ उनकी बल्लेबाजी में कुछ सुधार की जरूरत थी। उन्होंने 140 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की गति से साइड-आर्म थ्रोडाउन लेना शुरू किया। गुजरात टाइटंस टीम के साथी मैथ्यू वेड से रैंप शॉट सिखा।

दीपिका पल्लीकल को ट्रेनिंग दे चुकी हैं मां

बतौर स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच साई की मां ने भारत की स्क्वैश प्लेयर और पूर्व क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की पत्नी दीपिका पल्लीकल को भी ट्रेनिंग दी है। उन्होंने जोशना चिनप्पा के अलावा क्रिकेटर अभिनव मुकुंद, लक्ष्मीपति बालाजी,थिरुश कामिनी,डी हेमलता,एन निरंजना जैसे खिलाड़ियों को भी ट्रेनिंग दी। साई को यह नहीं पता था कि उनकी माता प्रसिद्ध स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच हैं।

मां आप काफी फेमस हैं

द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उषा ने इसका खुलासा किया था। उषा ने बताया था कि साई को उनके पेशे के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं थी। वह जब स्टेट कैंप और आईपीएल कैंप जाने लगे तो उनको इसकी जानकारी हुई। मालोलन रंगराजन और बालाजी ने इसके बारे में बताया था। साई ने अपनी से कहा कि वह काफी फेमस हैं। हर कोई उनके बारे में पूछता है।