शुभमन गिल “लंबी रेस का घोड़ा” हैं और वह केवल 60 प्रतिशत देकर शतक बना सकते हैं। जैसा कि उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ भारत के चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मैच में किया। यह भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का आकलन है। उन्हें यह भी लगता है कि गिल ऐसे खिलाड़ी हैं, जो अगले 10-15 साल तक टीम में बने रहेंगे, लेकिन श्रेयस अय्यर में प्रतिभा होने के बाद भी ऐसा नहीं लगता।

ईएसपीएनक्रिकइंफो पर संजय मांजरेकर ने गिल और अय्यर को लेकर कहा, “वह (गिल) बहुत बड़ा प्रभाव डालने के लिए सही पोजिशन पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। जब वह आज की तरह शतक बनाते हैं, तो ऐसा लगता है कि टैंक में बहुत कुछ बचा है। ऐसा लग रहा था कि शुभमन गिल का 60% इस तरह का शतक बनाने के लिए पर्याप्त है और वह अंत तक टिके रहते हैं। श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल के बीच यही अंतर है कि गिल आपको अंत तक ले जाते हैं। वह ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके बारे में आपको लगता है कि वह 10-15 साल तक खेलेंगे। श्रेयस अय्यर प्रतिभा के बावजूद आपको ऐसा महसूस नहीं कराते।”

गिल ने बांग्लादेश के खिलाफ शानदार पारी खेली

गिल ने बांग्लादेश के खिलाफ 101 रन की नाबाद पारी खेली और दुबई में भारत को 229 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में मदद की। उन्होंने 129 गेंदों का सामना किया और अपनी पारी में नौ चौके और दो छक्के लगाए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भारत 6 विकेट और 21 गेंद शेष रहते जीत दर्ज करे। उनके दो छक्कों में से एक नौवें ओवर में आया। तनजीम हसन की गेंद पर फ्रंटफुट पुल खेला। गेंद डीप मिडविकेट पर स्टैंड के दूसरे टियर में गई।

मांजरेकर ने गिल को लेकर क्या कहा?

मांजरेकर ने गिल के शॉट को लेकर कहा, “उन्होंने जो शॉट खेले, उन्होंने जो गुड लेंथ की गेंद खेली और वह दूसरे टियर में चली गई… वह बड़े मैच के लिए तैयार हैं। क्या वह बल्लेबाज के तौर पर 50 ओवर के क्रिकेट में बेहतर हो सकते हैं? मुझे नहीं लगता, इससे बेहतर क्या हो सकता है?” रोहित शर्मा के साथ गिल ने तेज शुरुआत की और पहला पावरप्ले खत्म होने तक 23 गेंदों पर चार चौकों और एक छक्के की मदद से 26 रन बनाए, लेकिन जब बांग्लादेश ने धीमी पिच पर स्पिन का इस्तेमाल किया और इन-एंड-आउट फील्डिंग लगाई, तो वह धीमे हो गए। उन्होंने 69 गेंदों पर अपना सबसे धीमा वनडे अर्धशतक बनाया। फिर 125 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया, जो 2019 विश्व कप के बाद से वनडे में किसी भारतीय बल्लेबाज का सबसे धीमा शतक है।

गिल के गियर बदलने की क्षमता से मांजरेकर प्रभावित

गिल के गियर बदलने की क्षमता ने मांजरेकर को प्रभावित किया। उन्होंने कहा, “उनके पास ऐसा करने की क्लास है। भारत के पास ऐसे शीर्ष तीन खिलाड़ी हैं, जो टेस्ट बल्लेबाज भी हैं, इसलिए वे अलग-अलग गियर में खेल सकते हैं। यशस्वी जायसवाल जब आएंगे तो वह भी टेस्ट बल्लेबाज हैं। इसलिए यदि गेंद विदेशी परिस्थितियों में स्विंग करेगी, तो उनके पास नई गेंद पर संभलकर खेलने और फिर विभिन्न स्थितियों को संभालने की क्षमता है। शुभमन गिल उस तरह के खिलाड़ी हैं, जो वन डेमिशनल नहीं हैं, उनके पास सभी गियर हैं और हमने उन्हें आज भी ऐसा करते देखा। वह 50 ओवर के क्रिकेट में अपने स्किल के शीर्ष पर हैं और वह इसे बहुत शांति से करते हैं। जिस तरह से वह बल्लेबाजी करते हैं और खेल खत्म करते हैं उसमें प्रभुत्व और निश्चितता की भावना दिखती है।