ऑस्ट्रेलिया को उस समय बड़ा झटका लगा जब एडिलेड में भारत के खिलाफ पिंक-बॉल टेस्ट से जोश हेजलवुड बाहर हो गए। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट के लिए उनकी जगह दाएं हाथ के तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड का खेलना तय है, लेकिन वह भारत को कैनबरा में पिंक बॉल से अभ्यास मैच ऑस्ट्रेलिया प्राइम मिनिस्टर 11 के लिए खेले। इसे लेकर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया सवाल उठा रहा है। उनका मानना ​​है कि इससे भारत को फायदा हुआ।

क्रिकेट विशेषज्ञों और ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का मानना ​​है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को स्कॉट बोलैंड को प्राइम मिनिस्टर 11 से बाहर कर देना चाहिए था। इससे भारतीय टीम को 35 वर्षीय तेज गेंदबाज के खिलाफ अभ्यास नहीं कर पाती। ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार टॉम मॉरिस ने सवाल उठाया कि क्या सीए के चयनकर्ताओं ने सही काम किया? उन्होंने भरत सुंदरेसन से इस पर बात की।

बोलैंड को खिलाकर हुई गलती?

एसईएन रेडियो पर बात करते हुए मॉरिस ने कहा, “क्या ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने भारत के खिलाफ स्कॉट बोलैंड को खिलाकर सही काम किया? क्या उनके और ऑस्ट्रेलिया के लिए यह बेहतर होता कि वे इस मैच में भारत के खिलाफ गुलाबी गेंद से खेलने न उतरते?”

केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने बोलैंड का सामना किया

सुंदरेसन ने कहा, ” यह एक बड़ा मुद्दा है और मैं इसके बारे में तब सोच रहा था जब मैंने स्कॉट बोलैंड को तीन शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को गेंदबाजी करते देखा। इससे उन्हें बोलैंड का सामना करने का अनुभव मिला। जोश हेजलवुड के बाहर होने के बाद काफी देर हो चुकी थी, लेकिन शायद वे उन्हें रोक सकते थे। लेकिन मुझे लगता है कि स्कॉट बोलैंड के खिलाफ पहले भी टेस्ट क्रिकेट खेला है। ऐसा नहीं है कि वे एक युवा खिलाड़ी हैं, जिसे उन्होंने नहीं देखा और वे नहीं जानते कि उनसे क्या उम्मीद करनी है। फिर भी यह एक शानदार नेट सेशन था, जिसमें केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने बोलैंड का सामना किया। देखते हैं कि यह एडिलेड में काम आता है या नहीं।”

स्कॉट बोलैंड पिछले 1 साल से नहीं खेले

स्कॉट बोलैंड ने 2021 एशेज सीरीज के बॉक्सिंग डे टेस्ट में डेब्यू करने के बाद से अब तक अपने करियर में 10 टेस्ट खेले हैं। लेकिन पिछले साल जुलाई में एशेज के लीड्स टेस्ट के बाद से वे टीम से बाहर हैं। इस बीच भारतीय टीम पहला मैच जीतकर 5 मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे है। दूसरा टेस्ट 6 दिसंबर से एडिलेड में खेला जाएगा।

भारतीय टीम को बॉलिंग यूनीट में बदलाव नहीं करना चाहिए

पर्थ टेस्ट में भारत ने जसप्रीत बुमराह एंड कंपनी की शानदार गेंदबाजी के बदौलत शानदार जीत दर्ज की थी। उस मैच में रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ी नहीं खेले थे। चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि पिंक बॉल टेस्ट में भी भारतीय टीम को बॉलिंग यूनीट में बदलाव नहीं करना चाहिए। (पूरी खबर पढ़ें)