भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैच की सीरीज का तीसरा टेस्ट ड्रॉ पर छूटा। इस जीत से टीम इंडिया ने ब्रिसबेन में होने वाले सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच से पहले जहां मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की। वहीं, इसका असर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर भी पड़ा। सिडनी टेस्ट ड्रॉ होने से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की रेस औऱ रोमांचक हो गई है।
चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला इसी साल जून में इंग्लैंड के लॉर्ड्स में खेला जाना है। भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड फाइनल में पहुंचने के सबसे मजबूत दावेदार हैं। आइए जानते हैं ऐसा आखिर क्यों है। टेस्ट चैंपियनशिप से जुड़ी सीरीज 31 मार्च तक होनी हैं। कोरोना महामारी के चलते इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के पॉइंट सिस्टम में बदलाव किया है। उसके बाद से भारत दूसरे नंबर पर बना हुआ है। भारत के इस वक्त 0.702 पर्सेंटेज प्वाइंट्स (PCT) हैं। ऑस्ट्रेलिया 0.738 पीसीटी के साथ शीर्ष पर बना हुआ है। न्यूजीलैंड 0.70 पीसीटी के साथ तीसरे नंबर पर है।
न्यूजीलैंड की अब कोई सीरीज बाकी नहीं है, यानी उसका पीसीटी 0.70 ही रहेगा। टीम इंडिया को पांच मैच और खेलने हैं। इसमें से एक ब्रिसबेन में होना वाला टेस्ट भी शामिल है। उसके बाद अपने घरेलू मैदान पर वह इंग्लैंड के खिलाफ 4 टेस्ट मैच की सीरीज खेलेगा। ऑस्ट्रेलिया भी भारत के बाद दक्षिण अफ्रीका से तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगा। इसका मतलब है कि दोनों टीमों के पीसीटी (PCT) में बदलाव संभव है।
भारत अगर ब्रिसबेन टेस्ट जीतता है तो वह पीसीटी के आधार पर टेस्ट चैंपियनशिप रैंकिंग में टॉप पर आ जाएगा। भारत के कुल 0.717 पीसीटी होंगे, जबकि ऑस्ट्रेलिया के 0.692 पीसीटी ही रह जाएंगे और वह तीसरे नंबर खिसक जाएगा। न्यूजीलैंड 0.70 पीसीटी के साथ दूसरे नंबर पर आ जाएगा। हालांकि, अगर मैच ड्रॉ रहता है या भारत हारता है तो: टीम इंडिया रैंकिंग में तीसरे नंबर पर खिसक जाएगी। ऑस्ट्रेलिया टॉप पर बना रहेगा। वहीं, न्यूजीलैंड दूसरे नंबर पर आ जाएगा।
ऐसे में यह भारत को अगर टेस्ट चैंपियनशिप की रेस में बने रहना है तो उसे ब्रिसबेन टेस्ट में हर हाल में जीत हासिल करनी होगी। अन्यथा भारत को इंग्लैंड के खिलाफ 4 मैच की सीरीज के सभी टेस्ट जीतने होंगे, तभी वह न्यूजीलैंड से पॉइंट टेबल में ऊपर रहेगा।