भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम और दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम की पिच को लेकर हो-हल्ला मचाने वाले ऑस्ट्रेलियाइयों को सलाह दी है। अश्विन ने शनिवार 25 फरवरी 2023 को अपने यूट्यूब चैनल पर नागपुर और दिल्ली में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के पहले दो टेस्ट मैच का रिकैप (संक्षेप में दोहराना) शेयर किया।
‘अराउंड द वर्ल्ड ऑफ क्रिकेट’ के नवीनतम एपिसोड में अनुभवी स्पिनर ने भारत में स्पिन के खिलाफ कैसे बल्लेबाजी करनी है, पिचें और बहुत कुछ के बारे में विस्तार से बताया। भारतीय ऑफ स्पिनर ने स्पष्ट किया कि यदि आप पिच का सम्मान करेंगे तभी पिच भी आपका सम्मान करेगी और आप उस पर रन बना पाएंगे।
अश्विन ने नागपुर में पहले टेस्ट की बात करते हुए कहा,‘ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले हमारे पास काफी लीड-अप था। वास्तव में, यह अब भी बहुत टाइट सीरीज है। हम श्रृंखला 2-0 से आगे हैं, लेकिन मार्जिन (जीत का अंतर) वास्तव में छोटा रहा है। हम उदाहरण के लिए नागपुर टेस्ट लेंगे।’
जडेजा-अक्षर की साझेदारी के लिए धन्यवाद
अश्विन ने कहा, ‘एक समय जब हमने बढ़त बनाई थी, हमारे 170-180 के बीच 5 या 6 विकेट गिर चुके थे। रविंद्र जडेजा-अक्षर पटेल की साझेदारी के लिए धन्यवाद। मोहम्मद शमी के कैमियो के बाद हमारी बढ़त 200 के पार चली गई और ऑस्ट्रेलिया खेल से बाहर हो गया। अगर हम 200 रन पर आउट हो जाते। अगर वे 150 रन बना लेते तो यह रोमांचक मैच होता।’
दिल्ली का विकेट सही खेल रहा था
दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट के बारे में बोलते हुए 36 साल के अश्विन ने कहा, ‘इसी तरह, दिल्ली टेस्ट। मेरी और अक्षर की साझेदारी से पहले हम 140 रन पर 7 विकेट गंवा चुके थे। उस स्तर पर, हम जानते थे कि हम खेल में बहुत पीछे हैं। लेकिन मुझे लगा कि हम बढ़त भी ले सकते हैं, क्योंकि विकेट काफी सही था।’
अश्विन ने कहा, ‘देखिए, मुझे सच में लगता है कि उस विकेट पर कुछ भी नहीं था। नागपुर और दिल्ली दोनों में कई मौकों पर आप टी20 की तरह अपना फ्रंट लेग क्लियर नहीं कर पाए। … और आपको इस तरह के विकेट यहां (भारत में) टेस्ट मैच में कभी नहीं मिलेंगे, क्योंकि आईपीएल और अन्य टी20 मैच रात के समय होते हैं। ओस गिरेगी और विकेट स्किड होगा। दिन के समय, भारतीय परिस्थितियों में विकेट केवल धीमा होगा।’
इसके बाद अश्विन ने समझाया कि बल्लेबाजी का ‘बैजबॉल’ दृष्टिकोण सभी प्रकार के विकेटों के लिए उपयुक्त नहीं है। अश्विन ने कहा, ‘आप टी20 की तरह ताबड़तोड़ प्रहार नहीं कर सकते। दूसरा अब हमारे पास बैजबॉल नामक कॉन्सेप्ट है। इंग्लैंड तेज गति वाला टेस्ट मैच क्रिकेट खेल रहा है।’
हर बार गेंद को कूटने के फायदे और नुकसान दोनों
अश्विन बोले, ‘वे (इंग्लैंड) क्रिकेट की एक निश्चित शैली खेलना चाहते हैं। इस दृष्टिकोण के फायदे और नुकसान दोनों हैं। कभी-कभी परिस्थितियों (विकेट पर) का सम्मान करने की जरूरत होती है। कुछ प्रकार के विकेटों में जब आप हर गेंद पर प्रहार करने की कोशिश करते हैं तो लड़खड़ा जाते हैं।’
अपने कोच की सलाह को याद करते हुए रविचंद्रन अश्विन ने बताया, ‘मेरे पूर्व कोच डब्ल्यूवी रमन मुझसे कहा करते थे- हैलो, मिस्टर। परिस्थितियों को चुनौती मत दो। क्या आप समुद्र तट पर जाएंगे और वैसे ही तैरना शुरू कर देंगे जैसे आप स्विमिंग पूल में करते हैं? तुम नहीं कर सकते, है ना? इसी तरह अगर आपको पिच का सम्मान करना चाहिए और उसके अनुसार खेलना चाहिए, तो पिच भी आपका सम्मान करेगी।’
अश्विन ने सवालिया लहजे में कहा, ‘वे इसे ‘टेस्ट’ क्रिकेट क्यों कहते हैं? यह आपके डिफेंस का परीक्षण करता है, यह आपके दबाव झेलने की क्षमता का परीक्षण करता है, यह दबाव को संभालने की आपकी क्षमता का परीक्षण करता है। यह खेल में विभिन्न स्थितियों को संभालने के लिए आपकी परीक्षा लेता है। यह दबाव में देने के लिए आपकी परीक्षा लेता है। आप पर दबाव रहेगा।’ बता दें कि तीसरे टेस्ट के लिए भारत एक मार्च से इंदौर के होलकर स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।