India vs Australia ODI WC 2023: वनडे वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया का वह विजयी रथ धराशाई हो गया जो इस मैच से पहले के 10 मुकाबलों में बेहद मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा था। भारतीय टीम इस वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के पहले 10 मैचों में अपराजेय रही थी, लेकिन फाइनल में आते ही यह टीम फिसड्डी साबित हुई और इस टीम को 6 विकेट से हार मिली।

इस हार साथ ही भारतीय टीम का तीसरी बार वनडे वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना भी टूट गया। यही नहीं 20 साल के बाद भी कंगारू टीम ने भारत को एक बार फिर से बड़ा दर्द दिया जिसकी चुभन वर्षों तक महसूस की जाएगी। साल 2003 में भी फाइनल में भारत को इस टीम के हाथों हार मिली थी।

भारत ने आखिरी वनडे वर्ल्ड कप साल 2011 में जीता था और उम्मीद की जा रही थी कि 12 साल के बाद अपनी धरती पर भारतीय टीम रोहित शर्मा की कप्तानी में तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनेगी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की टीम ने भारत की उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया और इस टीम को उप-विजेता रहते हुए संतोष करना पड़ा।

वहीं कंगारू टीम ने रिकॉर्ड छठी बार वनडे वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया। पैट कमिंस पहली बार वनडे वर्ल्ड कप में कंगारू टीम की कप्तानी कर रहे थे और उन्होंने अपनी टीम को चैंपियन बनाने का गौरव हासिल किया।

चैंपियन की तरह खेली ऑस्ट्रेलियाई टीम, मार्श ने खेली नाबाद शतकीय पारी

भारत के खिलाफ फाइनल मैच में कंगारू कप्तान पैट कमिंस की सारी रणनीति हिट रही और इस टीम ने चैंपियन की तरह प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने इस मैच में टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी करने का जो निर्णय लिया वह पूरी तरह से इस टीम के हक में रहा और कंगारू गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को पूरी तरह से खुलकर नहीं खेलने दिया।

भारत की तरफ से केएल राहुल ने 66 रन, विराट कोहली ने 54 रन और कप्तान रोहित शर्मा ने 47 रन की पारी जरूर खेली, लेकिन उनकी इस पारी ने टीम को जीतने के लायक स्कोर तक पहुंचाने में कोई मदद नहीं की।

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भारत के खिलाफ सटीक रणनीति पर चलते हुए गेंदबाजी की और उनकी लाइन व लेंथ देखते ही बन रही थी। कोई भी भारतीय बल्लेबाज इस टीम के सामने खुलकर खेलता हुआ नजर नहीं आया। हालांकि शुरुआत में रोहित शर्मा ने जरूर तेज 47 रन बनाए, लेकिन उनके बाद के बल्लेबाज परेशान नजर आए।

कोहली और राहुल ने अर्धशतक जरूर लगाया, लेकिन वह भी खुलकर रन बनाने में कामयाब नहीं हुए। इस सीजन में भारतीय टीम फाइनल मुकाबले में पहली बार ऑलआउट हुए और इस मैच में कंगारू तेज गेंदाबाजों ने 10 में से 8 विकेट लिए जबकि स्पिनर्स को 2 विकेट मिले। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से मिचेल स्टार्क ने सबसे ज्यादा 3 विकेट मिले।

कंगारू टीम को जीत के लिए 241 रन का लक्ष्य मिला था जो ज्यादा मुश्किल नहीं था। हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआत के 3 विकेट 47 रन के स्कोर पर जरूर गिरा दिया, लेकिन इसके बाद ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशाने क्रीज पर पूरी तरह से जम गए और इन दोनों की पार्टनरशिप ने भारत के हाथ से जीत छीन ली और छठी बार चैंपियन बनी।

मिचेल मार्श ने इस मैच में शतक (137 रन) लगाया वहीं लाबुशाने भी अर्धशतक (58 रन) लगाकर नाबाद रहे। भारत की तरफ से इस मैच में बुमराह ने दो ओर शमी ने एक विकेट लिए। भारतीय गेंदबाज भी इस मैच में वह करिश्मा नहीं दिखा पाए जो उन्होंने पिछले 10 मैचों में दिखाया था। इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों के अलावा गेंदबाज भी असरहीन साबित हुए। हेड को उनकी शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब दिया गया।

वनडे विश्व कप फाइनल में मैन ऑफ द मैच

सालप्लेयर ऑफ द मैच
1975क्लाइव लॉयड
1979विव रिचर्ड्स
1983मोहिंदर अमरनाथ
1987डेविड बून
1992वसीम अकरम
1996अरविंदा डी सिल्वा
1999शेन वार्न
2003रिकी पोंटिंग
2007एडम गिलक्रिस्ट
2011एमएस धोनी
2015जेम्स फॉकनर
2019बेन स्टोक्स
2023ट्रैविस हेड