बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में पिच को लेकर हो हल्ला जारी है। इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इंदौर पिच को लेकर आईसीसी की रेटिंग को चैलेंज कर सकता है। मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने होल्कर स्टेडियम को खराब (Poor) रेट किया था। इसके कारण वेन्यू को तीन डीमेरिट प्वाइंट भी मिले थे। बता दें कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने रावलपिडी की पिच को लेकर रेटिंग के खिलाफ अपील किया था और उसके हक में फैसला आया था।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बीसीसीआई के एक पदाधिकारी ने कहा, “हम स्थिति का जायजा लेंगे और फिर फैसला करेंगे।” क्रिस ब्रॉड ने कहा था, ” पिच बहुत ड्राई थी। बैट और बॉल के बीच बैलेंस नहीं था। शुरू से ही स्पिनर्स को मदद कर रही थी। मैच की पांचवीं गेंद पिच टूट गई और यह टूटती रही, जिससे सीम मूवमेंट नहीं था और पूरे मैच में असमान उछाल रहा।”

पाकिस्तान के पक्ष में आया फैसला

पिछले साल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मैच रेफरी की पिच रेटिंग को चुनौती दी थी और उनके पक्ष में फैसला आया था। इसके परिणामस्वरूप रावलपिंडी की पिच को दिया गया डिमेरिट पॉइंट रद्द कर दिया गया। दिसंबर की शुरुआत में सीरीज के पहले टेस्ट के बाद पिच को ‘औसत से नीचे’ रेटिंग दी गई थी। उस मैच का शानदार अंत हुआ था, जब इंग्लैंड ने अपनी सबसे बड़ी टेस्ट जीत हासिल किया था। मेहमान टीम ने अपनी दो पारियों में लगभग 7 रन प्रति ओवर की दर से रन बनाए और पाकिस्तान को एक दिन से अधिक समय में चौथी पारी में 342 रन बनाने के लिए चुनौती दी और फ्लैट पिच पर टेस्ट मैच का परिणाम निकला।

बीसीसीआई के पास 14 दिन का समय

आईसीसी के नियमों के अनुसार, बीसीसीआई के पास सैंक्शन के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का समय है। यदि वेन्यू को पांच साल में पांच डीमेरिट प्वाइंट मिलता है, तो उसे 12 महीनों के लिए अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने से पाबंदी लगा दी जाएगी। सीरीज के पहले दो टेस्ट मैचों की मेजबानी करने वाले नागपुर और दिल्ली की पिचों को मैच रेफरी ने ‘औसत’ रेटिंग दी थी।