भारतीय टीम ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का पहला मैच जीता था लेकिन फिर सीरीज 1-3 से सीरीज गंवा बैठी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर कैरी ओ कीफ ने इसकी बड़ी वजह बताई है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मास्टर प्लान का खुलासा करके बताया कि यह एक तीर से 11 निशाने करने में यकीन रखती है। भारत और पाकिस्तान के खिलाफ उनकी यह रणनीति काम कर गई। कीफ के मुताबिक टीम का निशाना कप्तान पर था।

कप्तान पर अटैक करती है टीम

कीफ ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया कप्तान पर अटैक करता है क्योंकि उसके नाकाम होते ही टीम अपने आप कमजोर पड़ जाता है। उन्होंने यह रणनीति भारत से पहले पाकिस्तान, वेस्टइंडीज औक न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनाई जिसका परिणाम भी दिखा। वह पिछली बीजीटी में टीम की कप्तानी कर रहे अजिंक्य रहाणे पर काबू नहीं कर सके और इस सीरीज के पहले टेस्ट में जसप्रीत बुमराह के खिलाफ नाकाम रहे और उन्हें दोनों बार हार का मुंह देखना पड़ा।

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पाकिस्तान के खिलाफ भी काम कर गया प्लान

कीफ ने फॉक्स पर लिखा, ‘पिछली बार ऑस्ट्रेलिया अजिंक्य रहाणे पर काबू नहीं कर सकी और भारत सीरीज जीत गया। अगर आप देखें तो हाल ही में उन्होंने किसी भी कप्तान को प्रदर्शन नहीं करने दिया। रोहित शर्मा, पाकिस्तान के शान मसूद जहां 3-0 से जीता, वेस्टइंडीज के क्रेग ब्रेथवेट भी प्रदर्शन नहीं कर पाए और 1-0 से जीता। न्यूजीलैंड में उन्होंने टिम साउदी पर अटैक किया और 2-0 जीते।’

जसप्रीत बुमराह को नहीं कर पाए काबू

कीफ के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया पहले टेस्ट में जसप्रीत बुमराह के खिलाफ यह नहीं कर सके। उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया जसप्रीत बुमराह के साथ ऐसा नहीं कर सके और पर्थ हारे। हालांकि फिर रोहित शर्मा आए और ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें प्रदर्शन नहीं कर पाए। आखिर में रोहित को खुद को ड्रॉप करना पड़ा। जहां हो सकता है वहां ऑस्ट्रेलिया इस प्लान पर काम करती है।’

विराट कोहली रहे फ्लॉप

कीफ ने विराट कोहली को तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड का बनी बनाया। उन्होंने कहा, ‘कोहली बोलैंड के ‘बनी’ बन गए हैं। कोहली ने पर्थ में शतक के साथ शुरुआत की, यशस्वी जयसवाल द्वारा नई गेंद और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को थका देने के बाद अनुकूल परिस्थितियों का भरपूर फायदा उठाया। लेकिन उसके बाद से वह लड़खड़ा गए। शतक के अलावा, उन्होंने केवल 90 रन बनाए और सीरीज के अंत तक स्कॉट बोलैंड के “बनी” बन गए, जो खुद को ऑफ स्टंप के बाहर खेलने से रोकने में असमर्थ थे।’