ऑस्ट्रेलिया खिलाफ पर्थ में बारिश से प्रभावित रविवार (19 अक्टूबर) को पहले वनडे मैच में भारतीय टीम ने 26 ओवर में 9 विकेट 136 रन बनाए, लेकिन मेजबान टीम को 131 रन का लक्ष्य मिला। भारत के 136 रन बनाने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया को 131 रन का लक्ष्य मिलने का कारण डकवर्थ लुईस स्टर्न (DLS) नियम है। भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा। शुभमन गिल की अगुआई वाली टीम को पारी की शुरुआत में जल्दी विकेट खोने के कारण डकवर्थ-लुईस-स्टर्न नियम के तहत छह रन का नुकसान हुआ।

पर्थ में तीसरी बार बारिश बंद होने के बाद मैच शुरू हुआ तो ओवर काटकर 26-26 कर दिए गए। तब भारत 16.4 ओवर में चार विकेट पर 52 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था। इसके बाद अक्षर पटेल (38 गेंदों पर 31 रन) और केएल राहुल (31 गेंदों पर 38 रन) ने भारतीय पारी को गति दी और मेहमान टीम को खराब शुरुआत से उबारा। डेब्यू कर रहे नितीश कुमार रेड्डी (11 गेंदों पर नाबाद 19 रन) ने अंत में एक उपयोगी पारी खेली।

क्या है डकवर्थ लुईस स्टर्न नियम

डकवर्थ लुईस स्टर्न या डीएलएस पद्धति का उपयोग बारिश से प्रभावित सीमित ओवरों के मैचों में लक्ष्य निर्धारित और परिणाम हासिल करने के लिए किया जाता है। अंग्रेज सांख्यिकीविद (English statisticians) फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस ने इस नियम को विकसित किया। इसका नाम दोनों पर पड़ा। पहली बार 1997 में इसका उपयोग हुआ। ऑस्ट्रेलिया के सांख्यिकीविद स्टीव स्टर्न ने 2015 वर्ल्ड कप से पहले इस नियम में बदलाव किया। इसके बाद नियम का नाम डकवर्थ लुईस स्टर्न हुआ।

ज्यादा विकेट गिरने और गेंद खर्च होने पर रिसोर्स प्रतिशत में गिरावट

डीएलएस पद्धति का इस्तेमाल करते हुए विकेट और ओवर दोनों को ध्यान में रखा जाता है। इन्हें रिसोर्स कहा जाता है। रिसोर्स की उपलब्धता के आधार पर लक्ष्य को संशोधित किया जाता है। पारी की शुरुआत में एक टीम के पास 100 प्रतिशत रिसोर्स 50 ओवर और 10 विकेट उपलब्ध होते हैं। ज्यादा विकेट गिरने हैं और गेंद खर्च होने पर रिसोर्स प्रतिशत में तेजी से गिरावट आती है।

डीएलएस विधि यह गणना करके लक्ष्य तय करती है कि टीमें कितना रन बना सकती हैं। यदि दोनों टीमों के पास उपलब्ध संसाधन समान होते तो वे कितने रन बना पाती हैं। डीएलएस लागू करते समय यह तथ्य भी ध्यान में रखा जाता है कि बारिश के खलल से पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम अगर जानती होती कि खेल छोटा होने वाला है तो वह अलग तरह से बल्लेबाजी करती।