ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में भारतीय टीम की फील्डिंग सवालों के घेरे में आई है। मोहाली वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 277 रन का लक्ष्य दिया है। भारतीय गेंदबाजों ने मैच में अच्छी वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 300 तक पहुंचने से रोका है, क्योंकि एक वक्त पर ऑस्ट्रेलिया मजबूत स्थिति में थी और 300 का स्कोर साफ नजर आ रहा था, लेकिन मोहम्मद शमी के 5 विकेट ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया, लेकिन इस बीच भारतीय गेंदबाजों को फील्डिंग का सहयोग बराबरी का नहीं मिला।

वार्नर को मिला था जीवनदान

मोहाली वनडे में भारत की गेंदबाजी की शुरुआत तो अच्छी हुई थी, लेकिन बाद में डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ के बीच हुई 94 रन की साझेदारी ने भारतीय गेंदबाजों को बैकफुट पर धकेल दिया था। इस दौरान फील्डिंग ने भारत को मैच में पीछे धकेलने का भी काम किया। डेविड वार्नर ने 52 रन की पारी जरूर खेली, लेकिन इस दौरान उन्हें एक जीवनदान भी मिला।

लाबुशेन का रन आउट का मौका गंवाया

ऑस्ट्रेलियाई पारी के 9वें ओवर में जो कि शार्दुल ठाकुर डाल रहे थे उसमें श्रेयस अय्यर ने वार्नर का आसान सा कैच छोड़ दिया। ओवर की आखिरी गेंद थी। गेंद हवा में थी और अय्यर के पास आसान सा कैच लेने का मौका था, लेकिन गेंद छीटक गई। वार्नर उस वक्त 14 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। वार्नर को जीवनदान मिलने के बाद 23वें ओवर में केएल राहुल ने मार्नस लाबुशेन का रन आउट छोड़ दिया। लाबुशेन उस वक्त 11 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे।

कैफ ने जताई नाराजगी

भारत की इस फील्डिंग को लेकर पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने नाराजगी व्यक्त की है। कैफ ने ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए कहा है कि अगर विश्व कप में हमारी इसी स्तर की फील्डिंग रही तो हम अच्छी गेंदबाजी और बल्लेबाजी के बावजूद भी विश्व कप गंवा देंगे। बता दें कि मोहम्मद कैफ भारतीय क्रिकेट के बेस्ट फील्डर्स में से एक हैं।