वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में फिलहाल टू टियर सिस्टम के लागू होने की संभावना नहीं है। इसकी जगह इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) 2027 के मध्य से शुरू होने वाले अगले डब्ल्यूटीसी साइकल में सभी 12 पूर्ण सदस्यों को खेलने का मौका दे सकता है। अभी नौ पूर्ण सदस्य डब्ल्यूटीसी मुकाबलों में भाग लेते हैं जबकि जिम्बाब्वे, अफगानिस्तान और आयरलैंड पूर्ण सदस्य का दर्जा होने के बावजूद इस विशिष्ट समूह का हिस्सा नहीं हैं। इसके अलावा वनडे क्रिकेट में सुपर सीरीज की वापसी हो सकती है, जो 2023 वर्ल्ड कप के बाद खत्म हो गई थी।

न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज रोजर टूज के नेतृत्व में एक मूल्यांकन समूह ने टू टियर सिस्टम की अवधारणा पर विचार किया था, लेकिन हाल ही में दुबई में हुई आईसीसी की तिमाही बैठक के दौरान इसे पर्याप्त समर्थन नहीं मिला। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘टू टियर सिस्टम पर चर्चा हुई, लेकिन कुछ सदस्य इस मॉडल से सहमत नहीं थे और उनका मानना ​​था कि 12 टीम की प्रणाली को आजमाया जाना चाहिए क्योंकि इससे टीमों को एक-दूसरे के खिलाफ खेलने के अधिक मौके मिलते हैं।’’

इस विचार का विरोध मुख्य रूप से पाकिस्तान, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश की ओर से हुआ जो प्रस्तावित दो स्तरीय प्रणाली के तहत टियर दो में शुरुआत कर सकते थे। सूत्र ने कहा, ‘‘यहां तक कि कुछ शीर्ष बोर्ड के प्रतिनिधि भी इस विचार को लेकर संशय में थे क्योंकि अगर कोई शीर्ष टीम संघर्ष के दौर से गुजरती है और दूसरे स्तर में खिसक जाती तो क्या होगा? इससे खेलने के अवसरों और राजस्व दोनों पर असर पड़ेगा।’’

इंग्लैंड ने जताई थी चिंता

इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख रिचर्ड थॉम्पसन ने अगस्त में इसी तरह की आशंकाएं जताई थीं। उन्होंने बीबीसी से कहा था, ‘‘हम नहीं चाहेंगे कि इंग्लैंड मुश्किल दौर का सामना करे और इसका मतलब है कि हम डिवीजन दो में आ जाएंगे और ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ नहीं खेल पाएंगे।’’ यह भावना भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड द्वारा निचले स्तर की टीमों को वित्तीय सहायता देने की बातचीत को आम तौर पर खारिज करने में भी झलकती है।

सुपर लीग की वापसी

आईसीसी एकदिवसीय मुकाबलों में सुपर लीग की वापसी पर भी विचार कर सकता है, जिसे 2023 विश्व कप के बाद समाप्त कर दिया गया था। एकदिवसीय प्रारूप को और अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए 2020 में सुपर लीग की शुरुआत हुई थी, लेकिन 13 टीम की प्रणाली अपेक्षा के अनुरूप आगे नहीं बढ़ पाई।

50 ओवरों का प्रारूप खत्म होने के कगार पर नहीं

आईसीसी बैठक में शामिल हुए कई सदस्यों का मानना ​​था कि 50 ओवरों का प्रारूप खत्म होने के कगार पर नहीं है और अगर इसे उचित ढांचा प्रदान किया जाए तो यह बरकरार रह सकता है। सूत्र ने कहा, ‘‘आईसीसी एकदिवसीय टूर्नामेंटों की प्रतिक्रिया और पहुंच बताती है कि 50 ओवरों के क्रिकेट के लिए अब भी जगह है। बस हमें इसे कुछ संदर्भ देने की जरूरत है और यह सुनिश्चित करना होगा कि शीर्ष टीमें और खिलाड़ी इसमें शामिल हों।’’