बीसीसीआइ को मंगलवार को शर्मसार होना पड़ा जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे क्रिकेट टैस्ट की मेजबानी करने वाले नागपुर के विकेट को ‘खराब’ करार दिया जिससे आइसीसी पिच निगरानी प्रक्रिया के तहत पिच का प्रदर्शन समीक्षा के दायरे में आ गया है। प्रक्रिया के नियम तीन के अनुसार आइसीसी मैच रैफरी जैफ क्रो ने अपनी रिपोर्ट आइसीसी को सौंपी जिसमें पिच के प्रदर्शन पर मैच अधिकारियों ने चिंता जताई है। यह रिपोर्ट भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआइ) को भी भेजी गई है जिसके पास जवाब देने के लिए अब 14 दिन का समय है।
यह पिच जामथा में विदर्भ क्रिकेट संघ मैदान पर है जो बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर का घरेलू संघ है। इस पिच पर पहले ही दिन से काफी टर्न देखने को मिला और मैच तीन दिन के भीतर खत्म हो गया। मनोहर आइसीसी चेयरमैन भी हैं। बीसीसीआइ के जवाब देने के बाद आइसीसी के क्रिकेट महाप्रबंधक ज्यौफ एलार्डिस और आइसीसी के मुख्य मैच रैफरी रंजन मुदुगले सभी साक्ष्यों पर गौर करेंगे जिसमें मैच के वीडियो फुटेज भी शामिल हैं, और फिर फैसला करेंगे कि पिच खराब थी या नहीं और साथ ही कि जुर्माना लगाया जाए या नहीं। एलार्डिस और मदुगले जब तक अपना फैसला नहीं करते तब तक आइसीसी इस मामले में आगे कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा।
नागपुर टैस्ट 25 से 27 नवंबर तक खेला गया जिसमें भारत ने 215 और 173 जबकि दक्षिण अफ्रीका ने 79 और 185 रन बनाए। इस टैस्ट की पिच को कई पूर्व क्रिकेटरों की आलोचना का सामना करना पड़ा जिसमें आस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन और इंग्लैंड के माइकल वान भी शामिल रहे। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने हालांकि पिच का पुरजोर तरीके से बचाव करते हुए कहा कि पिच में कुछ भी खराब नहीं था। शास्त्री ने तो यह तक कहा कि कौन सा नियम कहता है कि गेंद पहले दिन टर्न नहीं कर सकती। नियमों में कहां कहा गया है कि यह सिर्फ स्विंग और सीम करेगी। दक्षिण अफ्रीकी टीम ने हालांकि कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई और न ही पिच को लेकर कोई आलोचनात्मक टिप्पणी की।
भारत ने दोनों ही टैस्ट तीन दिन के अंदर जीत लिया था। पहला टैस्ट मोहाली में खेला गया था और तीसरा टैस्ट नागपुर में हुआ था। बंगलुरु में खेला गया दूसरा टैस्ट बारिश की वजह से पूरा नहीं हो सका था। दक्षिण अफ्रीकी टीम इस सीरीज में अभी तक भारतीय स्पिनरों को ठीक से नहीं खेल पाई है। तीन टैस्ट की पांच पारियों में भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें आउट किया है। पचास में से 47 विकेट स्पिनरों के खाते में गर्इं हैं। गेंदबाजों के बेहतर प्रदर्शन की बजाय चर्चा पिच को लेकर ज्यादा हो रही है। अब मैच रेफरी के इस रिपोर्ट के बाद इस बात की आशंक बढ़ गई है कि आलोचक एक बार फिर भारतीय पिचों को लेकर बीसीसीआइ को निशेने पर लेंगे। कई पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों ने हालांकि इसका बचाव भी किया है। खास कर एडीलीड में खत्म हुए दिन-रात के टैस्ट में भी कमोबेश मैच तीन दिन में ही खत्म हो गया था।