India vs England 1st ODI: इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैच की सीरीज के पहले वनडे में शिखर धवन टीम इंडिया की जीत के नायक बने। उन्होंने 11 चौके और 2 छक्के की मदद से 106 गेंद में 98 रन की पारी खेली। वह भले ही शतक से चूक गए हों, लेकिन उनकी यह पारी धवन के लिए निजी तौर पर भी काफी अहम रही।
साथियों के बीच गब्बर के नाम से प्रसिद्ध धवन इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के पहले मैच में सिर्फ 4 रन ही बना पाए थे। इसके बाद उन्हें बाकी के 4 मुकाबलों में मौका नहीं मिला। इसके बाद कई लोगों ने उनकी बढ़ती उम्र को लेकर टीम में चुने जाने पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। विराट कोहली के 22 मार्च को यह साफ किए जाने तक कि धवन और रोहित ही पहले वनडे में टीम इंडिया की पारी की शुरुआत करेंगे, गब्बर के प्लेइंग इलेवन में नहीं चुने जाने की खबरें चल रहीं थीं।
हालांकि, गब्बर मानसिक रूप से पूरी तरह से तैयार थे। उन्होंने टीम में नहीं चुने जाने के बावजूद वह किसी न किसी रूप में टीम की जीत का हिस्सा बनना चाहते थे। उसके लिए उन्होंने खास प्लानिंग कर रखी थी। हालांकि, उन्होंने तब इसे किसी से शेयर (साझा) नहीं किया था। धवन ने मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिलने के बाद इस राज पर से पर्दा हटाया।
शिखर धवन ने कहा, ‘अपने प्रदर्शन से ज्यादा मैं इस बात से खुश हूं कि हमारी टीम जीती। मैं पूरी मेहनत कर रहा था। जिम सेशन, रनिंग सेशन, नेट सेशन में सब कुछ अच्छा जा रहा था। इन सबका फायदा मिला।’
धवन ने शतक से चूकने के बारे में कहा, ‘थोड़ी-बहुत निराशा तो होती है। हालांकि, मेरा ऐसा स्वभाव नहीं है कि मैं बहुत ज्यादा खुश या दुखी होता। मैं शतक लगाने की जल्दी में नहीं था। बस एक शॉट लगाया और आउट हो गया। हमेशा अगली बारी होती है।’
टी20 सीरीज के आखिरी के 4 मैच की प्लेइंग इलेवन में नहीं चुने जाने के सवाल पर धवन ने कहा, ‘जब मैं नहीं खेल रहा था तब मैं सोच रहा था कि मैं किस तरह टीम के काम आ सकता हूं। मैं एक अच्छा 12वां खिलाड़ी बनने की कोशिश कर रहा था। पानी ले जाने और पिलाने के बारे में सोच रहा था। हालांकि, दिमाग में मैं हमेशा पॉजिटिव था, ताकि जब भी मुझे मौका मिले तो मैं रन बना पाऊं।’


