अक्सर अपनी बेबाकी को लेकर सुर्खियों में रहने वाले टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भारत-पाकिस्तान के मौजूदा क्रिकेट संबंधों को लेकर फिर बड़ा बयान दिया है। साथ ही गंभीर ने खुद को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही ट्रोलिंग का भी बेबाक अंदाज में जवाब दिया है। एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में गौतम गंभीर ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया एकदम फेक हो चुका है, वहां किसी को भी पैसे लेकर ट्रोल किया जा सकता है। मेरे खिलाफ भी इसी तरह का षड़यंत्र रचा जाता है, मैं भी पैसे देकर यह काम कर सकता हूं, लेकिन मैं वह पैसा गरीबों को खाना खिलाने में इस्तेमाल करता हूं।

क्या कहा गौतम गंभीर ने?

दरअसल, गौतम गंभीर जी न्यूज के एक कार्यक्रम में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर रमीज राजा के साथ मंच शेयर कर रहे थे। इसी दौरान उनसे भारत-पाकिस्तान क्रिकेटर्स के आपस में संबंध और तालमेल को लेकर सवाल किया गया तो गौतम गंभीर ने उसका जवाब देते हुए कहा कि मैंने हाल ही में जो बयान दिया था, उसमें यह कहा था कि जब आप क्रिकेट के मैदान पर ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि किसी भी टीम के खिलाफ उतरें तो आपके अंदर वह पैशन और जज्बा होना चाहिए। हर खिलाड़ी के अंदर वह आग होनी चाहिए क्योंकि वह अपने देश को रिप्रेजेंट करता है, लेकिन अब के क्रिकेटर्स में यह नहीं दिखता। गंभीर ने कहा कि मेरे बयान को बदलकर पेश किया गया।

500 रुपए में ट्रोल किए जाते हैं लोग- गंभीर

गौतम गंभीर ने अपनी ट्रोलिंग को लेकर कहा कि मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर पैसे देकर नेरेटिव सेट किया जाता है। मैं मीडिया में कहता कुछ और हूं और सोशल मीडिया पर वायरल कुछ और किया जाता है। गंभीर ने कहा, “पैसे देकर आप किसी की भी ट्रोलिंग करा सकते हो, फॉलोअर्स खरीदकर आप किसी को भी टारगेट कर सकते हो। मेरे खिलाफ भी यही होता है। 500 रुपए देकर लोग ट्रोल होते हैं। यही सोशल मीडिया की सच्चाई है। मैं भी लोगों को ट्रोल करने के लिए पैसा लगा सकता हूं, लेकिन मैं वहीं पैसा लोगों को खाना खिलाने में लगाता हूं।”

रमीज राजा ने क्या कहा?

गंभीर के इस बयान के बाद इसी मंच से रमीज राजा ने कहा कि क्रिकेट में अग्रेशन रहना बहुत जरूरी है। रमीज राजा ने कहा कि जो इतनी टी20 लीग हो रही हैं यह उसी की वजह से है कि इंटरनेशनल प्लेयर एक-दूसरे के साथ इतना ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहे हैं। वहां इन खिलाड़ियों के बीच जो बैरियर थे वह टूट रहे हैं, यह वैसे तो एक-दूसरे के कल्चर को समझने के लिए अच्छा है, लेकिन क्रिकेट के लिहाज से अच्छा नहीं है। खिलाड़ियों को यह समझना चाहिए कि जब मैदान पर होते हैं तो एक-दूसरे के खिलाफ होते हैं।